यह देश दे रहे 'किराये की गोद' वाले बिजनेस को हवा...लाखो की कर रहे कमाई..जाने
BY CHANCHAL RASTOGI
'किराए की गोद' (Rent a Womb) एक ऐसा बिजनेस मॉडल है, जिसमें एक महिला (सरोगेट मदर) किसी अन्य जोड़े के लिए गर्भधारण करती है और बच्चा पैदा करने के बाद उसे उन जोड़ों को सौंप देती है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो संतान प्राप्ति में असमर्थ होते हैं। हालांकि यह मॉडल नैतिक, कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से विवादास्पद है, फिर भी यह कई देशों में तेजी से बढ़ रहा है और लाखों की कमाई का जरिया बन चुका है।
भारत में सरोगेसी का बिजनेस सबसे ज्यादा प्रचलित है। यहां, खासकर कम लागत में सरोगेसी सेवाएं उपलब्ध हैं, जिससे विदेशों से भी लोग भारत में सरोगेसी के लिए आते हैं। भारतीय सरोगेट मदर्स को हर साल लाखों रुपये मिलते हैं, और यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए एक अच्छा आय स्रोत बन चुका है। भारत में सरोगेसी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जो इसे आकर्षक बनाती हैं। इसके अलावा, भारत में कानूनी प्रावधानों की तुलना में इस बिजनेस में पारदर्शिता और आसानी के कारण यह मॉडल फल-फूल रहा है।
किन देशो में हैं सरोगेसी का बिजनेस सबसे प्रचलित ?
अमेरिका में भी सरोगेसी का बिजनेस तेजी से बढ़ा है, विशेष रूप से कैलिफोर्निया और अन्य राज्यों में, जहां इस प्रक्रिया के लिए सख्त कानूनी ढांचा है। यहां सरोगेट मदर्स को उच्च रकम मिलती है, और यह व्यवसाय वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण उद्योग बन चुका है। अमेरिकी नागरिक और विदेशियों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बन गया है, क्योंकि यहां की चिकित्सा सेवाएं और कानूनी सुरक्षा बेहतर हैं।
थाईलैंड और नेपाल जैसे देशों में भी 'किराए की गोद' का बिजनेस बढ़ा है। थाईलैंड में हालांकि इस पर कुछ प्रतिबंध लग गए हैं, फिर भी नेपाल में यह व्यापार अभी भी खुला है। यहां की सरोगेसी सेवाएं अपेक्षाकृत सस्ती हैं, जिससे विदेशी जोड़े यहां बच्चे के लिए आते हैं।
यह बिजनेस मॉडल आर्थिक दृष्टिकोण से आकर्षक तो है, लेकिन इससे जुड़े कई नैतिक और कानूनी विवाद भी हैं। खासकर सरोगेट मदर्स के अधिकार, बच्चे के अधिकार और संबंधित जोड़ों के बीच कानूनी विवाद महत्वपूर्ण मुद्दे बनते हैं। साथ ही, इस प्रक्रिया में स्वास्थ्य जोखिम भी हो सकते हैं। फिर भी, 'किराए की गोद' का बिजनेस लाखों की कमाई करवा रहा है और वैश्विक स्तर पर यह एक उभरता हुआ उद्योग बन चुका है।
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