तेलंगाना में BJP को बड़ा झटका: टी. राजा ने पार्टी से दिया इस्तीफा

हैदराबाद-तेलंगाना की राजनीति में एक बड़ा भूचाल उस वक्त आया जब राज्य के फायरब्रांड नेता और गोशामहल से विधायक टी. राजा सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से इस्तीफा दे दिया। अपने आक्रामक हिंदुत्ववादी रुख और तीखे बयानों के लिए चर्चित राजा सिंह ने पार्टी नेतृत्व पर उपेक्षा और राज्य इकाई में ‘नेतृत्वहीनता’ का आरोप लगाया है।

राजा सिंह ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि तेलंगाना में बीजेपी नेतृत्व कार्यकर्ताओं की आवाज नहीं सुन रहा, और जमीनी कार्यकर्ताओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की रणनीति में स्पष्टता की कमी है, जिससे कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

"राज्य में भाजपा दिशाहीन हो गई है"

राजा सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "मैंने वर्षों तक पार्टी की सेवा की, लेकिन आज जो हालत है, उसमें कार्यकर्ताओं को हाशिए पर डाल दिया गया है। पार्टी का नेतृत्व केवल अपने हित देख रहा है और जमीनी मुद्दों से दूर होता जा रहा है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में अब वो तेज़ी और संकल्प नहीं बचा जो कांग्रेस और BRS जैसे विरोधी दलों को चुनौती देने के लिए जरूरी है।

पार्टी से पुराना जुड़ाव, लेकिन गहरी नाराज़गी

राजा सिंह 2009 से भाजपा के साथ जुड़े थे और उन्होंने कई बार अपने तीखे बयानों के कारण राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी हैं। हालांकि पार्टी ने उनके बयानों को लेकर कई बार उन्हें नोटिस भी जारी किए, लेकिन उनका जनाधार लगातार मजबूत होता रहा। उनका यह इस्तीफा भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

आगे की रणनीति पर सस्पेंस

हालांकि, टी. राजा सिंह ने अब तक यह साफ नहीं किया है कि वह किसी और पार्टी में शामिल होंगे या स्वतंत्र रूप से राजनीति करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वे आगामी समय में किसी क्षेत्रीय या हिंदुत्व आधारित राजनीतिक मोर्चे से जुड़ सकते हैं।

बीजेपी की प्रतिक्रिया

बीजेपी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व राजा सिंह के इस्तीफे से हैरान है और डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रहा है। कुछ वरिष्ठ नेता उन्हें मनाने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल उनके रुख से यह साफ है कि वापसी की संभावना कम ही है।

टी. राजा सिंह का इस्तीफा न केवल तेलंगाना की राजनीति बल्कि बीजेपी के लिए भी एक गंभीर संकेत है। यह मामला न सिर्फ पार्टी के अंदर चल रहे आंतरिक संकट को उजागर करता है, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भी इसका असर साफ देखने को मिल सकता है। अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि राजा सिंह आगे कौन सा राजनीतिक रास्ता चुनते हैं।

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