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बच्चों को पोर्न कंटेंट से रखे दूर , मोबाइल में कर लें ये Settings!

आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन और इंटरनेट बच्चों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। मोबाइल फोन से बच्चे न केवल पढ़ाई और मनोरंजन करते हैं, बल्कि उससे जुड़े कई जोखिम भी होते हैं। इनमें से सबसे बड़ा खतरा है पोर्नोग्राफ़िक कंटेंट तक बच्चों की पहुंच। ऐसे कंटेंट का बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उनकी मानसिक और नैतिक विकास प्रभावित हो सकता है। इसलिए माता-पिता के लिए जरूरी है कि वे अपने बच्चों को इस तरह के अनुचित कंटेंट से दूर रखें। इसके लिए मोबाइल फोन में कुछ महत्वपूर्ण सेटिंग्स और टूल्स की मदद ली जा सकती है।

1. Google Family Link ऐप का उपयोग
Google Family Link एक मुफ्त ऐप है जो माता-पिता को बच्चों के फोन को नियंत्रित करने की सुविधा देता है। इसके जरिए आप बच्चे के फोन पर कौन-कौन सी वेबसाइटें देखी जा सकती हैं, कौन से ऐप्स इंस्टॉल किए जा सकते हैं, और स्क्रीन टाइम कितनी देर का होगा, ये तय कर सकते हैं। इस ऐप में “मॅच्योर वेबसाइट्स” को ब्लॉक करने का विकल्प भी मौजूद है, जिससे अश्लील और अनुचित वेबसाइटों को रोका जा सकता है।

2. SafeSearch को ऑन करना
Google का SafeSearch फीचर अश्लील और अनुचित कंटेंट को गूगल सर्च में फिल्टर करता है। इसे चालू करने से बच्चे को अश्लील तस्वीरें, वीडियो और वेबसाइट दिखने से बचाया जा सकता है। SafeSearch सेटिंग्स आप Google के सर्च पेज से या Chrome ब्राउज़र की सेटिंग्स से आसानी से ऑन कर सकते हैं।

3. YouTube Kids ऐप का इस्तेमाल
यदि बच्चे YouTube का उपयोग करते हैं तो सामान्य YouTube ऐप की बजाय YouTube Kids ऐप डाउनलोड करना बेहतर होता है। यह ऐप विशेष रूप से बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें केवल ऐसा कंटेंट दिखाया जाता है जो बच्चों के लिए उपयुक्त होता है। साथ ही इसमें पैरेंटल कंट्रोल विकल्प भी होता है जिससे माता-पिता बच्चों की देखरेख कर सकते हैं।

4. iPhone में Screen Time फीचर का इस्तेमाल
iPhone के iOS ऑपरेटिंग सिस्टम में Screen Time नामक फीचर उपलब्ध है। इसके माध्यम से आप बच्चों के फोन पर कंटेंट और प्राइवेसी कंट्रोल सेट कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप “Limit Adult Websites” विकल्प चुन सकते हैं जिससे फोन पर वयस्क सामग्री वाली वेबसाइटों की पहुंच बंद हो जाती है। इसके अतिरिक्त आप ऐप डाउनलोडिंग पर भी उम्र के आधार पर प्रतिबंध लगा सकते हैं।

5. थर्ड-पार्टी पैरेंटल कंट्रोल ऐप्स
बाजार में कई पैरेंटल कंट्रोल ऐप्स उपलब्ध हैं जिनकी मदद से आप बच्चे की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रख सकते हैं और अवांछित वेबसाइट्स या ऐप्स को ब्लॉक कर सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख ऐप्स हैं Qustodio, Net Nanny, Norton Family, और Kaspersky Safe Kids। ये ऐप्स वेबसाइट ब्लॉकिंग, स्क्रीन टाइम लिमिटेशन, और एक्टिविटी रिपोर्ट जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं।

सिर्फ तकनीकी उपाय ही काफी नहीं होते, बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करना भी जरूरी है। उन्हें समझाएं कि अश्लील कंटेंट क्यों नुकसानदेह होता है और वे अपनी समस्याओं या जिज्ञासाओं के साथ आपके पास खुलकर आ सकते हैं। टेक्नोलॉजी के साथ-साथ भावनात्मक समर्थन भी बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने में सहायक होता है।

डिजिटल दुनिया से बच्चों को पूरी तरह दूर रखना संभव नहीं है, लेकिन उन्हें अनुचित और हानिकारक कंटेंट से बचाना पूरी तरह संभव है। इसके लिए आवश्यक है कि माता-पिता अपने फोन की सुरक्षा सेटिंग्स का सही उपयोग करें और बच्चों को सुरक्षित और नियंत्रित डिजिटल वातावरण प्रदान करें। उचित जागरूकता और सही टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से हम अपने बच्चों को सुरक्षित भविष्य दे सकते हैं।

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