EVM क्या है और यह चुनावों में कैसे काम करती है?
चुनाव लोकतंत्र की नींव होते हैं और हर नागरिक का वोट बहुत महत्वपूर्ण होता है। भारत में पहले वोट देने के लिए कागज़ का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन इसमें समय ज्यादा लगता था और गलती होने की संभावना रहती थी। इसलिए अब ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल होता है। यह मशीन वोट डालने की प्रक्रिया को सरल, तेज़ और सुरक्षित बनाती है। ईवीएम से मतदाता आसानी से अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुन सकते हैं और उनका वोट सही तरीके से रिकॉर्ड हो जाता है।
ईवीएम का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है। यह मशीन हमारे देश में चुनाव के समय इस्तेमाल होती है। पहले वोट देने के लिए कागज़ का बैलेट इस्तेमाल होता था, लेकिन अब ईवीएम से वोट देना आसान, तेज़ और सुरक्षित हो गया है।
ईवीएम की संरचना
ईवीएम मुख्य रूप से दो भागों से बनी होती है:
कंट्रोल यूनिट – यह पोलिंग अधिकारी के पास रहती है।
बैलट यूनिट – यह मतदाता के पास बूथ में रहती है।
इन दोनों को केबल के जरिए जोड़ा जाता है। जब पोलिंग अधिकारी कंट्रोल यूनिट से मशीन चालू करता है, तभी मतदाता वोट डाल सकता है।
मतदाता बूथ में जाता है और कंट्रोल यूनिट से मशीन सक्रिय होती है। बैलेट यूनिट में उम्मीदवारों के नाम और पार्टी चिन्ह के सामने बटन होते हैं। मतदाता जिस उम्मीदवार को वोट देना चाहता है, उसके सामने का बटन दबाता है। बटन दबाते ही मशीन “बीप” की आवाज़ देती है और लाल लाइट जलती है, जिससे पता चलता है कि वोट सफलतापूर्वक दर्ज हो गया।
ईवीएम के साथ VVPAT नाम की मशीन भी होती है। जब वोट दिया जाता है, तो यह मशीन पेपर स्लिप निकालती है, जिस पर चुने गए उम्मीदवार का नाम और चिन्ह होता है। मतदाता इसे कुछ सेकंड तक देख सकता है। इससे मतदाता को विश्वास होता है कि उसका वोट सही जगह गया है।
ईवीएम के फायद
वोट देना तेज़ और आसान होता है।
गलत वोट या अमान्य वोट की संभावना कम होती है।
कागज़ की बचत होती है और पर्यावरण के लिए अच्छा है।
वोट की गोपनीयता सुरक्षित रहती है।
सुरक्षा और चुनौतियाँ
ईवीएम को सुरक्षित बनाने के लिए मशीनों में विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। फिर भी कुछ लोग छेड़छाड़ की संभावना को लेकर सवाल उठाते हैं। VVPAT सिस्टम इसे भरोसेमंद बनाने में मदद करता है। चुनाव आयोग भी समय-समय पर मशीनों की जांच करता है।
ईवीएम ने हमारे चुनावों को आसान, तेज़ और सुरक्षित बनाया है। VVPAT के साथ यह सिस्टम पारदर्शिता भी बढ़ाता है। हालांकि, सभी लोगों का भरोसा बनाने के लिए मशीन की निगरानी और सुधार ज़रूरी है।


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