अब हर नया फोन आपकी सुरक्षा का प्रहरी भी बन जाएगा

अगर हम कहे कि अब आपका स्मार्टफोन सिर्फ कॉल और मैसेज के लिए नहीं है बल्कि अब हर नया फोन आपकी सुरक्षा का प्रहरी भी बन जाएगा..तो क्या आप विश्वास करेंगे ... दरसल भारत सरकार ने साइबर खतरों और मोबाइल चोरी को रोकने के लिए हर स्मार्टफोन में अनिवार्य सरकारी ऐप 'संचार साथी' इंस्टॉल करने का आदेश जारी किया है, जिसे यूजर डिलीट नहीं कर पाएंगे।ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आखिर 'संचार साथी'क्या है और क्यों जरूरी? तो चलिए आपको बताते हैं .. 

दरसल 'संचार साथी' ऐप चोरी हुए मोबाइल ढूंढने, फर्जी IMEI नंबर पहचानने और धोखाधड़ी वाले कॉल्स की जानकारी हासिल करने में मदद करता है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि ऐप की मदद से अब तक 3.7 मिलियन से ज्यादा चोरी हुए फोन ब्लॉक किए जा चुके हैं, जबकि अक्टूबर में 50 हजार स्मार्टफोन सिर्फ इस ऐप की मदद से वापस पाए गए।सरकार का कहना है कि यह ऐप राष्ट्रीय स्तर पर मोबाइल सुरक्षा को मजबूत करेगा और अपराधियों के लिए चोरी किए गए फोन बेचना मुश्किल बना देगा।लेकिन खास बात ये है कि इस आदेश से स्मार्टफोन कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। खासकर ऐपल जैसी कंपनियों को यह पसंद नहीं आया, क्योंकि उनकी पॉलिसी के अनुसार प्रीलोडेड ऐप्स को डिलीट नहीं किया जा सकता।

सरकार ने कंपनियों को 90 दिन का समय दिया है ताकि वे यह बदलाव अपने फोन में लागू कर सकें। कंपनियों का कहना है कि इस बारे में उनसे सलाह-मशविरा नहीं किया गया, लेकिन सरकार का तर्क है कि यह कदम साइबर सुरक्षा और मोबाइल चोरी रोकने के लिए जरूरी है।वहीं , स्मार्टफोन यूजर की दृष्टि से देखा जाए तो यह ऐप ज्यादा परेशानी नहीं देगा। कई फोन पहले से ही प्रीलोडेड ऐप्स के साथ आते हैं..यूजर इसे साइबर सुरक्षा के लिए खुद भी डाउनलोड कर सकते हैं। क्योंकि 

ऐप मदद करेगा:चोरी हुए फोन को ब्लॉक कराने में

फर्जी नंबर और IMEI जांचने में

संदिग्ध कॉल्स की जानकारी देने में

इस मामले में सरकार का मकसद साफ है: मोबाइल चोरी, फर्जी कनेक्शन और धोखाधड़ी पर लगाम लगाना, ताकि अपराधियों के लिए मोबाइल अपराध करना मुश्किल हो जाए.. सरकार का यह कदम साफ संदेश देता है कि मोबाइल सिर्फ उपकरण नहीं, बल्कि सुरक्षा का माध्यम भी है। Sanchar Saathi ऐप के अनडिलीटेबल होने से अब चोरी और फर्जी मोबाइल कनेक्शन पर नियंत्रण पक्का होगा।हालांकि कंपनियों की चिंताएं हैं, लेकिन यूजर के लिए यह फैसले का असर नकारात्मक नहीं है। यह ऐप न केवल साइबर खतरों से बचाव का जरिया है, बल्कि मोबाइल सुरक्षा को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण हथियार भी है।सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि तकनीक और सुरक्षा को जोड़कर अपराधियों को चुनौती देना अब हर स्मार्टफोन का नया फीचर होगा, और आम नागरिक के लिए यह सिर्फ सुरक्षा का भरोसा नहीं, बल्कि सचेत रहने का जरिया भी बनेगा।

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.