13 महीनों का होगा साल 2026, जानें क्यों लगता है अधिक मास?

BY- ANJALI SHUKLA 

अब साल 2026 के शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. और वही अगला साल बहुत ही विशेष होने वाला है, क्योंकि आने वाला साल 2026 12 नहीं बल्कि 13 महीनों का होगा. साल 2026 में अधिक मास होगा. अंग्रेजी कैलेंडर में इसे लीप ईयर कहा जाता है और हिंदी पंचांग में ये अधिक मास माना जाता है. साल 2026 विक्रम संवत 2083 होगा. हिंदी कैलेंडर के हिसाब से नया साल चैत्र मास से शुरू होता है.

बात करे अगर अंग्रेजी कैलेंडर की तो उसके अनुसार, साल 2026 में अधिक मास 17 मई से शुरू होगा.और ये अधिक मास 15 जून 2026 तक रहेगा. हिंदी कैलेंडर में अगले साल ज्येष्ठ माह अधिक मास में आएगा. जप-तप, विष्णु जी के पूजन, तीर्थ यात्रा के लिए अधिक मास का विशेष महत्व माना जाता है.

अधिक मास में नहीं किए जाते ये काम

अधिक मास को अशुभ माना जाता है, इसलिए इसे मलमास भी कहा जाता है। इस महीने में शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत, नामकरण जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। जमीन मकान खरीदने या नए काम शुरू करने से भी परहेज़ किया जाता है।

क्यों लगता है अधिक मास?

हिंदी पंचांग में समय का निर्धारण सूर्य और चंद्र पर आधारित होता है। जब सौर मास के 32 महीने पूरे होते हैं, तब चंद्र मास 33 हो जाते हैं। इसी वजह से हर तीसरे साल सौर और चंद्र वर्ष में एक महीने का अंतर आ जाता है। इस अंतर को खत्म करने के लिए ऋषि-मुनियों ने अधिक मास की व्यवस्था बनाई।

अधिक मास हर साल नहीं आता, बल्कि लगभग तीन साल में एक बार आता है। जिस वर्ष अधिक मास पड़ता है, वह वर्ष 13 महीनों का हो जाता है। यह मास पंचांग और ऋतुओं के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।

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