स्याही वाले हाथों को पीला करके छीन लिया जिन्दगी के खूबसूरत रंग

यूँ तो हम 21वीं सदी में जी रहें है लेकिन आज भी हम कुछ मामलों में बहुत ही पुराने ख्यालों की जंजीर से जकड़े हुए है .भले ही हम कितने ही दावें करें की हम महिलाओं को बहुत आगे लेकर जा रहें है ,अब महिलाएं अबला नही बल्कि सबला है लेकिन आज भी सूदूर इलाकों में और गांवों में नाबालिग लड़कियों के हाथ पीले करके उसकी जिंदगी के सभी खूबसूरत रंग छीन लिया जाता है ,ऐसी ही लड़कियों के दर्द बयां करती हुई हमारी ये रचना ,हम असा करते है कि आपको पसंद आएगी ..... 

अभी वो खुद को भी ठीक से समझ भी नहीं सकी थी
कि दूसरों को समझने की बारी आ गई
खुद के पैरों पर खड़ी होती उससे पहले
किसी का सहारा बनने की जिम्मेदारी उसके कंधे पर आ गई
अभी वो खुद से ठीक से रू-ब -रू भी नहीं हुई थी
कि इक नई जान को इस दुनियाँ से रूबरू कराने की जिम्मेदारी आ गई 
गाल गुलाबी होते उससे पहले
उसके हाथ पीले हो गए
उसकी आँखों में सुनहरे सपने पलने से पहले
टूट कर चकनाचूर हो गए
उसके भी थे कुछ सपने
पर नहीं समझ सके उसके अपने
अपना कहती किसी को उससे पहले
उसके अपने पराये हो गए
धूम धाम से करके तैयारी 
बना दिया उसे समाज की नजरों में अबला नारी

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.