माँ की ममता को और भी करीब से महसूस कराती ये खूबसूरत रचना
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कहते है माँ के जैसा दुनिया में कोई और नहीं ,माँ के प्यरा से खूबसूरत दुनिया में कोई प्यार नही , जो खूबसूरत एहसास माँ के प्यार में महसूस होता है उससे अधिक खूबसूरत एहसास किसी भी प्यार में महसूस नहीं होता है . सारे दुनिया का प्यार एक तरफ और माँ का प्यार एक तरफ . माँ का प्रेम ही नहीं बल्कि माँ की हर एक बात बहुत ही ख़ास और खूबसूरत होती है चाहे वह माँ की करुणा हो या ममता . उसी माँ की खूबसूरती और विशेषताओं को बयां करती हुई एक ये रचना .हमें उम्मीद है कि आपको जरूर पसंद आयेगी .
वो पहाड़ सी मजबूत है,
है फूल-सी वो कोमल !
वो करुणा की है मूरत,
जिसके आगे ,
है फीकी सारी सूरत !
थोड़ी नासमझ और बहुत ही मासूम है,
ठंडी में आंगन की सुनहरी धूप है!
सूरज की तपती दुपहरी में ,
वो तरूवर की छांव है!
मुस्कान उसकी अध खिले फूल- सी,
गहरी है वो समंदर -सी,
नाजुक है वो ओस- सी
युध्द के क्षेत्र में ,
चमकती तलवार सी !
अंधियारों में चिराग सी,
अडिग है चट्टान सी
शब्दों में नहीं कर सकते बयां
ऐसा उसका प्यार है
उसकी सबसे अलग है पहचान !
वो इस संसार में ,
और उसी से संसार!
माँ से ही होता है,
इस सृष्टि का निर्माण !
माँ के चरणों को शत्-शत् प्रणाम !
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