मंटो के वो 10 अफ़साने, जो बदल देंगी आपकी ज़िंदगी

सआदत हसन मंटो एक ऐसे लेखक जिन्होंने ने अपने विचारों के माध्यम से समाज में बहुत ही बदलाव लाया है साथ बहुत से ऐसे बदलाव लाने का प्रयास किया जो एक विकिसित समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. मंटो ने धर्म से लेकर इंसानियत तक, सब पर कुछ ना कुछ जरूर कहा है .मंटो ने ऐसे ऐसे विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये हैं जिन पर विचार व्यक्त करने से अधिक्तर लेखक कतराते हुए नजर आतें हैं . आज हम आपके लिये सआदत हसन मंटो के कुछ ऐसे ही चुनिंदा अफसाने लेकर जो जिन्दगी भर काम आएंगे .
1 ज़माने के जिस दौर से हम गुज़र रहे हैं, अगर आप उससे वाकिफ़ नहीं तो मेरे अफ़साने पढ़िए.
2 अगर आप इन अफ़सानों को बर्दाश्त नहीं कर सकते, तो इसका मतलब है कि ज़माना ही नाक़ाबिल-ए-बर्दाश्त है.
3 मेरी तहरीर में कोई ग़लती नहीं, जिस ग़लती को मेरे नाम से बताया जाता है, वो दरअसल मौजूदा सिस्टम की ग़लती है.
4 ऐसा होना मुमकिन है कि सआदत हसन मर जाए और मंटो ज़िंदा रहे.
5 मैं एक जेबकतरा हूं जो अपनी जेब ख़ुद काटता है, और कोई कहानी मेरी जेब से कूदकर बाहर आ जाती है.
6 मैं सोसाइटी की चोली क्या उतारूंगा, जो है ही नंगी. मैं उसे कपड़े पहनाने की कोशिश भी नहीं करता, क्योंकि ये मेरा काम नहीं, दर्ज़ियों का काम है.
7 मैं कहानियां नहीं लिखता, कहानियां मुझे लिखती हैं. कभी-कभी हैरत होती है कि ये कौन है जिसने इतनी अच्छी कहानियां लिखी हैं.
8 हर बड़ा आदमी गुसलखाने में सोचता है. मगर मुझे तजुर्बे से मालूम हुआ है कि मैं बड़ा आदमी नहीं, इसलिए कि मैं गुसलखाने में नहीं सोच सकता.
9 दुनिया में जितनी लानतें हैं, भूख उनकी मां है.
10 मज़हब जब दिलों से निकलकर दिमाग़ पर चढ़ जाए तो ज़हर बन जाता है.
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