गुरूवार की पूजा में ध्यान रखें ये बातें

हिन्दू धर्म में हर एक दिन का विशेष महत्व है . साथ ही ये दिन अलग - अलग देवी देवताओं को सर्मपित होते है . औऱ इस प्रकार गुरूवार का दिन भगवान विष्णु को प्रदान होता है . कहते है अगर गुरूवार की पूजा  विधि विधान के साथ की जाए या गुरूवार का वर्त सच्चे मन से रखा जाए . तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है , लेकिन बहुत से लोग ये नही जानते की गुरूवार की पूजा के क्या नियम है . औऱ गुरूवार की पूजा में किन किन सामाग्री का उपयोग करना चाहिए . तो चलिए बताते है आपको इस रिपोर्ट में ...  


गुरूवार को गलती से भी न करें ये काम 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार के दिन बाल न कटवाएं. साथ ही इस दिन दक्षिण, पूर्व और नैऋत्य में यात्रा करना वर्जित माना गया है.गुरुवार के दिन नमक का सेवन न करें, इससे व्यक्ति के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव देखने को मिलता है. 

क्या है भगवान विष्णु को प्रिय 
प्राचीन शास्त्रों के अनुसार  भगवान विष्णु को वैजयंती की माला बेहद प्रिय है. वैजयंती के फूलों की माला भगवान सत्यनारायण, विष्णु जी और लक्ष्मी जी को अर्पित की जाती है. विष्णु जी को वैजयंती की माला अर्पित करने से घर में संपन्नता आती है और व्यक्ति को धन की कमी नहीं होती. 

गुरूवार की पूजा में ये करें शामिल 
गुरूवार की पूजा के लिए चने की दाल, गुड़, हल्दी , केले, पपीता और पीला वस्त्र को जरूर उपयोग करना चाहिए.. 


क्या है गुरूवार की पूजा विधि 

गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नान करें.इसके बाद पूजा घर या केले के पेड़ की नीचे भगवान श्री हरि विष्णु की प्रतिमा या फोटो रखकर उन्हें प्रणाम करें.कोई नया छोटा सा पीला वस्त्र भगवान को अर्पित करें.हाथ में चावल और पवित्र जल लेकर व्रत का संकल्प लें.एक लोटे में पानी और हल्दी डालकर पूजा के स्थान पर रखें.भगवान को गुड़ और धुली चने की दाल का भोग लगाएं.गुरुवार व्रत की कथा का पाठ करें.पूजा-पाठ व आरती करें. भगवान को प्रणाम करें और हल्दी वाला पानी केले की जड़ या किसी अन्य पौधे की जड़ों में डालें.

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