भुजा और छाती पर क्यों लगाया जाता हैं तिलक......

आमतौर पर जब हम लोग पूजा करते हैं , माथे पर तिलक लगाते हैं लेकिन अपने देखा होगा की साधू - संत पूजा के दौरान माथे के साथ - साथ भुजाओं , छाती और गले पर चन्दन और तिलक लगाते हैं. तिलक लगाना हमरे हिन्दू धर्म की परंपरा हैं. हिन्दू धर्म में तिलक लगाना अत्यंत महत्वपूर्व  बताया गया हैं. हिन्दू धर्म के अनुसार तिलक लगाना पवित्र और लाभकारी माना जाता हैं. आये विस्तार से जानते  माथे के अलावा गले, छाती और भुजा में तिलक क्यों लगाया जाता है? इसके क्या मायने हैं?

गले या कंठ में तिलक क्यों लगाते हैं ?
गले पर तिलक लगाना बहुत शुभ माना जाता है. हमारी वाणी का संबंध गले से है, भोजन नली भी गले से पास से जाती है. इन सभी जरूरी भागों को नियंत्रित करने के लिए गले या कंठ में तिलक लगाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि गले का संबंध मंगल ग्रह से है. मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए गले में तिलक लगाते हैं. गले पर तिलक लगाने से कंठ शांत रहता है और वाणी में मिठास रहती है. ऐसा कहा जाता है कि यहां तिलक लगाने से ईश्वर का वास होता है. सांस की गति शांत होती है और मंगल मजबूत होता है.

छाती पर तिलक क्यों लगाते हैं ? 
कहते  हैं की छाती पर भगवान का वास होता हैं यह तिलक लगाने से ग्रहों की स्थिति मजबूत होती हैं. वक्ती के मन में भय , क्रोध , लालशा और अशांति की समस्या दूर रहेती हैं छाती पर तिलक लगाने से मन में शांति रहेती हैं.

भुजा पर तिलक क्यों लगाते हैं ?
भुजा का संबध शुक्र गृह से होता हैं यह तिलक लगाने से शुक्र गृह मजबूत होता हैं यहाँ तिलक लगाने से भगवन भुजाओ में वास  करने लगते हैं अगर किसी जातक का शुक्र कमजोर हैं तो उसे मजबूत करने के लिए भुजाओ पर तिलक लगाए .

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