तिलहन फसलों के रकबे में गिरावट के कारण तेल की हो सकती है भारी किल्लत

तिलहन फसलों के रकबे में गिरावट की वजह से खाने के तेल की सप्लाई पर असर पड़ सकता है। तिलहन जैसे सोयाबीन, सूरजमुखी, सरसों और मूंगफली की खेती में कमी होने से इन फसलों का उत्पादन घट सकता है। इससे घरेलू उत्पादन की कमी हो सकती है और आयात पर निर्भरता बढ़ सकती है, जिससे तेल की कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है। देश में किसान तिलहन की फसलों की जगह गेहूं की फसल का ज्यादा चुनाव कर रहे हैं, जिसके कारण आने वाले दिनों में न केवल तेल के दाम बढ़ सकते हैं बल्कि खाने के तेल की किल्लत का भी सामना करना पड़ सकता है.
अगर यह स्थिति बनी रही, तो खाद्य तेलों की उपलब्धता और दाम दोनों पर दबाव आ सकता है, जो आम उपभोक्ताओं पर असर डालेगा। ऐसे में सरकार को इस संकट को दूर करने के लिए आयात बढ़ाने या घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार करना पड़ सकता है।
तिलहनी फसलों के रकबे में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं।
कृषि क्षेत्र में विविधता की कमी: किसानों को कुछ फसलों में ज्यादा लाभ होने पर वे अन्य तिलहन की बजाय उन फसलों को उगाना पसंद करते हैं। इससे तिलहनी फसलों का रकबा घट जाता है।
अर्थव्यवस्था और बाजार मूल्य: तिलहन की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अच्छे दाम न मिलने के कारण किसान इस फसल को उगाने में रुचि नहीं दिखाते। इसके बजाय, वे उन फसलों को उगाना पसंद करते हैं जो अधिक लाभकारी हों, जैसे गेंहू या धान।
जलवायु परिवर्तन: तिलहन फसलें विशेष जलवायु परिस्थितियों में बेहतर होती हैं। जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसम पैटर्न तिलहन की खेती पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं, जिससे उत्पादन में गिरावट हो रही है।
पानी की कमी और सिंचाई की समस्या: तिलहन फसलों को अच्छी तरह से उगाने के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी और सिंचाई सुविधाओं की कमी से भी इन फसलों की खेती में गिरावट आ रही है।
कृषि तकनीक और संसाधनों की कमी: सही कृषि तकनीक और आधुनिक उपकरणों की कमी, जैसे उर्वरक, कीटनाशक और उच्च गुणवत्ता वाले बीज, तिलहन के उत्पादन को प्रभावित कर रहे हैं।
सरकारी नीतियां और समर्थन: तिलहन फसलों के लिए पर्याप्त सरकारी समर्थन और प्रोत्साहन न मिलना भी एक कारण हो सकता है। किसानों को वित्तीय सहायता या न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कमी से तिलहन की खेती में रुचि नहीं रहती।
इन कारणों के चलते तिलहन फसलों के रकबे में गिरावट आ रही है, जिससे खाद्य तेलों की सप्लाई और कीमतों पर असर पड़ सकता है। क्या आपको लगता है कि इन समस्याओं का समाधान संभव है?
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