गर्मी और उमस में डिहाइड्रेशन कैसे पहचानें और बचें?

गर्मियों में उमस और तेज़ गर्मी का अनुभव अक्सर शरीर को थका देता है और डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) का खतरा बढ़ जाता है। डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर में पानी और जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, जिससे शरीर के सामान्य कामकाज में बाधा आती है।
डिहाइड्रेशन क्या है?
डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर द्वारा पानी की मात्रा उसके सेवन से कम हो जाती है। खासकर गर्मी के मौसम में पसीना अधिक निकलता है, जिससे शरीर का पानी तेजी से घटता है।
उमस में डिहाइड्रेशन के कारण
ज्यादा पसीना आना
पानी और तरल पदार्थों का कम सेवन
उल्टी या दस्त
शारीरिक मेहनत या खेल कूद
बिना पानी के लंबे समय तक रहना
डिहाइड्रेशन के प्रमुख लक्षण
प्यास लगना
मुंह और होंठ सूखना
सिर में दर्द या चक्कर आना
कमजोरी और थकान महसूस होना
पेशाब कम आना या गाढ़ा रंग का होना
त्वचा का सूखापन और लोच खोना
आंखें धुंधली दिखना या धड़कन तेज होना
बेचैनी या चिड़चिड़ापन
गंभीर डिहाइड्रेशन के संकेत
चेतना का खोना या भ्रमित होना
तेज़ दिल की धड़कन
त्वचा का ठंडा और चिकना होना
सांस लेने में कठिनाई
डिहाइड्रेशन से बचाव के उपाय
गर्मी में खूब पानी पिएं, दिनभर छोटे-छोटे अंतराल पर पानी पीते रहें।
नारियल पानी, फ्रूट जूस या इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय पदार्थ लें।
अधिक उमस और गर्मी में बाहर निकलने से बचें, खासकर दोपहर के समय।
हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें।
शरीर को ठंडा रखने के लिए छाता या टोपी का इस्तेमाल करें।
अगर शारीरिक परिश्रम करना हो तो नियमित ब्रेक लें और तरल पदार्थ लेते रहें।
बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि वे जल्दी प्रभावित हो सकते हैं।
डिहाइड्रेशन की स्थिति में क्या करें?
यदि आपको या किसी और को डिहाइड्रेशन के लक्षण महसूस हों तो तुरंत तरल पदार्थ देना शुरू करें। हल्का नमक या शक्कर मिलाकर घरेलू ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट) का सेवन भी मददगार होता है। यदि लक्षण गंभीर हों या सुधार न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
उमस और गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन से बचाव बेहद जरूरी है। समय-समय पर पानी पीना, सही खानपान और सावधानियां बरतकर आप अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
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