TRUMP ने भारत को दी सौगात , दोस्ती या चलाकी ?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से टैरिफ वॉर शुरू किया, तब से पूरी दुनिया में हलचल मच गई थी। शुरुआत में ट्रंप ने भारत पर 27 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जो भारत के व्यापारियों के लिए बड़ा झटका था। लेकिन महज़ 24 घंटे में उनका फैसला पलट गया। एक बार फिर भारत को राहत मिली, और ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ घटाकर 26 फीसदी कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि सिर्फ भारत को ही क्यों यह राहत दी गई, जबकि 60 देशों पर वही टैरिफ लागू किया गया?
असल में, अमेरिका ने भारत पर पहले 27 फीसदी टैरिफ तय किया था, लेकिन यह कुछ गलती की वजह से था। भारत पर 52 फीसदी शुल्क पहले से था, जिसमें मुद्रा हेरफेर और व्यापारिक अड़चने शामिल हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने इसे सुधारते हुए 1 फीसदी घटाया और टैरिफ को 26 फीसदी कर दिया। यह बदलाव अब 9 अप्रैल से लागू होगा। यह कहना कि "भारत को राहत दी गई", गलत होगा, क्योंकि यह सिर्फ एक तकनीकी सुधार था।
क्योंकि अमेरिका ने इसे छूट नहीं, बल्कि एक सुधार माना है। वहीं अमेरिका चाहे इसे सुधार माने ...लेकिन अमेरिका को भी पता है कि भारत उसके लिए कितना जरूरी है .. भारत-अमेरिका व्यापार के आकड़े इसकी सच्चाई भी बताते हैं ...क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है...2021-22 से 2023-24 तक के आंकड़ों के मुताबि
अमेरिका भारत के कुल वस्त्र निर्यात का लगभग 18% हिस्सा रखता है
आयात का 6.22%, और द्विपक्षीय व्यापार का 10.73% हिस्सा रखता है
2023-24 में, भारत का अमेरिका से व्यापार अधिशेष 35.32 अरब डॉलर था
यह आंकड़ा पिछले सालों में लगातार बढ़ा है
भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले मुख्य उत्पादों में दवा निर्माण , दूरसंचार उपकरण , कीमती पत्थर , और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं। इन निर्यातों से भारत को काफी लाभ हो रहा है, और यही कारण है कि अमेरिका ने अपनी नीति में थोड़ा बदलाव किया।भारत को अमेरिका से मुख्य रूप से कच्चा तेल , पेट्रोलियम उत्पाद , और कोयला आयात होता है। इसके अलावा, कटा हुआ हीरा और विमान भी भारत के प्रमुख आयात हैं।
ऐसे में समझा जा सकता है कि भारत को यह राहत इसलिए मिली, क्योंकि अमेरिका के लिए भारत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। भारत से निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पाद, खासकर दवाइयाँ और दूरसंचार उपकरण, अमेरिका के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसी कारण से ट्रंप प्रशासन ने भारत को इस 1 फीसदी की राहत दी, ताकि द्विपक्षीय व्यापार में संतुलन बना रहे और दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती आए।ट्रंप का यह फैसला भारत के लिए एक छोटी सी राहत जरूर है, लेकिन इसका सियासी और आर्थिक प्रभाव बहुत बड़ा हो सकता है।
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