उद्यान विभाग ने लिया विकसित उत्तर प्रदेश समर्थ उत्तर प्रदेश 2047 का संकल्प
उद्यान विभाग ने लिया विकसित उत्तर प्रदेश – समर्थ उत्तर प्रदेश 2047 का संकल्प
उत्तर प्रदेश का उद्यान विभाग लगातार किसानों के लिए बेहतर काम करता जा रहा है इसलिए समय समय पर बागवानी किसानों के लिए नयी नयी योजनाएं शुरू की जाती हैं। फिर चाहे बात आलू संग्रहण की हो या आम के रिकॉर्ड उत्पादन की। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं गन्ना विभाग द्वारा विकसित उत्तर प्रदेश समर्थ उत्तर प्रदेश 2047” के संकल्प को साकार करने हेतु स्टेकहोल्डर्स कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि उद्यान एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम में उद्यान व गन्ना क्षेत्र के विकास, तकनीकी उन्नयन, मूल्य संवर्धन, औद्यानिक फसलों की संभावनाओं, निर्यात वृद्धि और 2047 के लक्ष्य हेतु रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस मौके पर बोलते हुए उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि हम अपने किसान भाइयों के साथ हैं और हमेशा रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की बागवानी एवं गन्ना क्षेत्र की क्षमता को दोगुना विकसित करने तथा 2047 के आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अनुसंधान, नवाचार, मूल्य संवर्धन एवं क्लस्टर-आधारित विकास को तीव्र गति देनी होगी। उत्तर प्रदेश की कृषि भूमि व किसानों के अनुभव को देखते हुए बागवानी फसलों में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि पारंपरिक खेती की तुलना में औद्यानिक फसलें कम क्षेत्र में अधिक मूल्य देती हैं। उद्यान विभाग ने 50 वर्ष पूर्ण करके उल्लेखनीय कार्यों से अपनी पहचान बनाई है।
उद्यान मंत्री ने कृषि विविधीकरण, औषधीय, मसाले, फूलों और संरक्षित खेती को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर सरकार विशेष सहयोग दे रही है, जिससे किसानों का मूल्य संवर्धन और निर्यात क्षमता बढ़ेगी। रूफ-टॉप गार्डनिंग को शहरी क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य संवर्धन का श्रेष्ठ माध्यम बताते हुए प्रथम चरण में लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, वाराणसी और गोरखपुर जनपद में रूफ-टॉप खेती को प्रोत्साहित करने हेतु निःशुल्क रोपण सामग्री एवं आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रो बैग में टमाटर के पौधों या पालक आदि सब्जियां उगाकर परिवार पूरे मौसम की सब्जी बिना रसायनों के प्राप्त कर सकता है। मंत्री ने सभी विशेषज्ञों, किसानों और उद्यमियों से आग्रह किया कि वे औद्यानिक फसलों, आधुनिक तकनीकों, रूफ-टॉप खेती तथा प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाएं ताकि “विकसित उत्तर प्रदेश-समर्थ उत्तर प्रदेश 2047” का लक्ष्य साकार हो सके। वहीं बिहार चुनाव परिणाम पर बात करते हुए उन्होंने कहा ये विकास और मेहनत की जीत है जनता ने दिखा दिया कि वो सत्य और विकास के साथ है जंगलराज के साथ नहीं।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण एवं रेशम विभाग बी0एल0 मीणा ने कहा कि सरकार विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को अनुदान देकर उनके प्रयासों को सतत प्रोत्साहित कर रही है। औद्यानिकी एवं गन्ना क्षेत्र के लिए राज्य की दीर्घकालिक रणनीतियों, निवेश प्राथमिकताओं और संस्थागत समन्वय पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया। उसके बाद सलाहकार कृषि प्रौद्योगिकी नीति आयोग भारत सरकार डा0 हर्षिका चौधरी ने बागवानी एवं गन्ना क्षेत्र के राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य, प्रमुख नीति-सूत्रों, तकनीकी प्रगति और राज्य की संभावनाओं पर विस्तृत विचार साझा किए।
इस महत्वपूर्ण मौके पर सचिव नियोजन मासूम अली सरवर ने कहा कि विकास की रणनीति एवं कार्ययोजना बनाते हुए बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया जाए। और अंत में अपर गन्ना आयुक्त वी0के0 शुक्ला ने कहा कि आधुनिक तकनीक, दक्षता वृद्धि और मिल-किसान सहयोग से गन्ना क्षेत्र में नई ऊर्जा आएगी। विभाग हितधारकों के साथ समन्वित प्रयास जारी रखेगा। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में बागवानी व गन्ना क्षेत्र के विशेषज्ञों, प्रगतिशील किसान, कृषि विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थाओं के वैज्ञानिक, निर्यातक, एफपीओ, डिलॉइट इंडिया प्रतिनिधि तथा वरिष्ठ अधिकारीगण ने सहभाग किया।


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