अल्ट्रासोनिक थेरेपी: बिना दवा के दर्द से राहत

अल्ट्रासोनिक थेरेपी (Ultrasonic Therapy) एक आधुनिक चिकित्सा पद्धति है, जो शारीरिक दर्द और सूजन को कम करने के लिए उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों (ultrasound waves) का उपयोग करती है। यह थेरेपी विशेष रूप से फिजियोथेरेपी में उपयोग की जाती है और इसे एक सुरक्षित व गैर-आक्रामक (non-invasive) उपचार माना जाता है।
अल्ट्रासोनिक थेरेपी क्या होती है?
अल्ट्रासोनिक थेरेपी में 1 से 3 मेगाहर्ट्ज (MHz) की उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगें शरीर के प्रभावित हिस्से पर डिवाइस के माध्यम से भेजी जाती हैं। ये तरंगें त्वचा के नीचे की मांसपेशियों, टिशू और जोड़ों तक पहुंचकर वहां हल्की गर्मी उत्पन्न करती हैं और रक्त प्रवाह को बढ़ाती हैं। इसका उद्देश्य कोशिकाओं की मरम्मत को तेज करना, सूजन को कम करना और दर्द से राहत दिलाना होता है।
कैसे काम करती है अल्ट्रासोनिक थेरेपी?
यह थेरेपी दो मुख्य तरीकों से काम करती है:
थर्मल इफेक्ट (Thermal Effect):
ध्वनि तरंगें शरीर के ऊतकों में कंपन उत्पन्न करती हैं जिससे हल्की गर्मी पैदा होती है। यह गर्मी मांसपेशियों को रिलैक्स करती है और रक्त संचार बढ़ाती है।
मैकेनिकल इफेक्ट (Non-thermal Effect):
तरंगों के कंपन से कोशिकाओं के बीच के द्रव्य में हलचल होती है, जिससे सूजन घटती है और कोशिका पुनर्निर्माण में सहायता मिलती है।
किन बीमारियों में उपयोगी है अल्ट्रासोनिक थेरेपी?
जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द: गठिया (Arthritis), कंधे, घुटने और पीठ दर्द में राहत देती है।
मांसपेशियों की खिंचाव और ऐंठन: स्प्रेन, स्ट्रेन, और मांसपेशियों की थकावट में उपयोगी होती है।
घाव और चोट: पुराने जख्म, टेंडन की चोटें (Tendinitis), लिगामेंट चोटों को ठीक करने में मदद करती है।
फ्रोज़न शोल्डर (Frozen Shoulder): कंधे की जकड़न को कम करने में कारगर है।
बर्साइटिस और टेनोसिनोवाइटिस: जोड़ों के पास के तरल भरे थैले या टेंडन की सूजन में लाभदायक होती है।
सर्जरी के बाद रिकवरी में: ऊतक हीलिंग को तेज करने के लिए सर्जरी के बाद भी इसका उपयोग होता है।
अल्ट्रासोनिक थेरेपी के लाभ:
दर्द और सूजन में राहत
कोशिकाओं का पुनर्निर्माण तेज होता है
मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है
रिकवरी का समय घटता है
बिना दवा के उपचार संभव
सावधानियाँ और contraindications:
हृदय की मशीन (Pacemaker) वाले मरीजों में इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के पेट के पास इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता।
ट्यूमर या कैंसर वाले क्षेत्रों पर इसका उपयोग वर्जित है।
हड्डी की ग्रोथ प्लेट (बच्चों में) पर इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
अल्ट्रासोनिक थेरेपी एक प्रभावी और आधुनिक चिकित्सा तकनीक है, जो दर्द और सूजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका उपयोग सुरक्षित है, लेकिन योग्य फिजियोथेरेपिस्ट या चिकित्सक की देखरेख में ही करवाना चाहिए। यदि किसी को मांसपेशियों या जोड़ों से जुड़ी कोई पुरानी समस्या है, तो अल्ट्रासोनिक थेरेपी उनके लिए लाभकारी हो सकती है।
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