भारत की पहली एआई-सपोर्टेड यूनिवर्सिटी में माइक्रोसॉफ्ट का बूटकैम्प - भविष्य की ओर एक मजबूत कदम

उन्नाव : उत्तर प्रदेश भारत की नई तकनीकी क्रांति का गवाह बना चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का उत्तर प्रदेश कैंपस, जहां माइक्रोसॉफ्ट ने देश का पहला एआई बूटकैम्प सफलतापूर्वक आयोजित किया। भारत की पहली एआई-सपोर्टेड मल्टीडिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी के रूप में स्थापित इस कैंपस में, छात्रों को इंडस्ट्री-रेडी बनाने के उद्देश्य से इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस बूटकैम्प में इंजीनियरिंग, बिज़नेस, कॉमर्स और कंप्यूटर एप्लिकेशन्स जैसे विभिन्न स्ट्रीम्स के 300 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। छात्रों को मिला एआई टूल्स और पायथन प्रोग्रामिंग का प्रैक्टिकल अनुभव।

ग्लोबल टेक लीडर माइक्रोसॉफ्ट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से संबंधित अत्याधुनिक टूल्स की हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी गई। इस प्रयास के तहत, माइक्रोसॉफ्ट और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने एमओयू साइन किया है, ताकि छात्रों को भविष्य की मांगों के अनुसार तैयार किया जा सके।माइक्रोसॉफ्ट की लिपिका शर्मा ने कहा – "जब अन्य यूनिवर्सिटीज़ अभी भी योजना बना रही हैं, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने भारत का पहला एआई-सपोर्टेड कैंपस बनाकर मिसाल कायम की है।"

उन्नति एआई’ पहल के तहत हुआ यह आयोजन, 50% महिला भागीदारी के साथ।

यह कार्यक्रम 'उन्नति एआई' इनिशिएटिव के अंतर्गत आयोजित हुआ, जो एफआईटीटी आईआईटी दिल्ली, माइक्रोसॉफ्ट और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का एक संयुक्त प्रयास है। इसमें सीयू टीबीआई ने स्ट्रैटेजिक इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर की भूमिका निभाई। इस पहल के ज़रिए टियर-2 और टियर-3 शहरों के युवाओं को एआई स्किलिंग, इंस्टिट्यूशनल पार्टनरशिप और फंडिंग अपॉर्च्युनिटीज़ प्रदान की जाएंगी। कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए 50% महिला भागीदारी को अनिवार्य बनाया गया है।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का लक्ष्य – छात्रों को एआई, फिनटेक और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में ग्लोबल अवसर दिलाना।

यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा, सीयू की शुरुआत से ही इंडस्ट्री-ओरिएंटेड शिक्षा पर ज़ोर रहा है। अब उत्तर प्रदेश में स्थापित यह नया कैंपस एआई, डेटा साइंस, क्लाउड कंप्यूटिंग और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में छात्रों को तैयार कर रहा है। एफआईटीटी आईआईटी दिल्ली के एमडी निखिल अग्रवाल ने यूनिवर्सिटी की सोच और सुविधाओं की सराहना करते हुए कहा- तकनीकी बदलाव और स्किल डेवलपमेंट के इस युग में, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान भारत की प्रगति में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

छात्रों को एआई का सही उपयोग सिखाना है 'उन्नति एआई' का मुख्य उद्देश्य।

उन्होंने बताया कि 'उन्नति एआई' की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्या नडेला की मुलाकात के बाद हुई। उद्देश्य सिर्फ एआई को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि छात्रों को इसका सही उपयोग सिखाना है — ताकि एआई उनके जीवन और करियर को सशक्त बना सके। वेंचर मोजार्ट के संस्थापक अभिषेक तिवारी ने कहा, “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की यह पहल वास्तव में साहसिक और समय की मांग के अनुसार है। अब छात्रों को कक्षा में ही उन्नत तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव मिल रहा है।”

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी – 2500 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक कैंपस।

यूनिवर्सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर जय इंदर सिंह संधू ने कहा कि कानपुर-लखनऊ हाईवे पर बना यह अत्याधुनिक कैंपस भारत के युवाओं को ग्लोबल टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाएगा। यहां जल्द ही पांच सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे, जो रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देंगे। साथ ही 3 करोड़ रुपये की 'सीवी रमन स्कॉलरशिप' भी उन छात्रों को दी जाएगी जो वैज्ञानिक अनुसंधान में करियर बनाना चाहते हैं।

 रिपोर्टर : अजय कुमार

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