त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को मिली हरी झंडी, कोर्ट ने हटाई रोक

उत्तराखंड सरकार को शुक्रवार को बड़ी राहत मिली जब नैनीताल हाई कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर लगाई गई अंतरिम रोक को हटा दिया। इससे राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की अनुमति मिल गई है।

बता दें राज्य सरकार ने 9 और 11 जून को पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण रोटेशन संबंधी आदेश जारी किए थे, लेकिन बिना इन्हें समय रहते राजपत्र (गजट) में प्रकाशित किए। याचिकाकर्ताओं ने इसे नियम विरुद्ध बताया और अदालत में चुनौती दी। उनका कहना था कि कई पंचायत सीटें लगातार आरक्षित रखी गई थीं, जो रोटेशन नियमों के खिलाफ है।
23 जून को हाई कोर्ट ने इस आधार पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर अस्थायी रोक लगा दी थी और सरकार से जवाब मांगा था।

कोर्ट में क्या हुआ?

शुक्रवार को हुई सुनवाई में सरकार ने अदालत को सूचित किया कि 14 जून को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जो पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं हो सका था। सरकार के वकील ने सभी दस्तावेज अदालत के सामने रखे और बताया कि आरक्षण प्रक्रिया नियमों के अनुसार पूरी की गई है।

दस्तावेजों की जांच के बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने चुनाव पर से रोक हटा दी।

अब आगे क्या?

अब राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनावों की नई तारीखों की घोषणा करेगा। चुनाव प्रक्रिया — जिसमें नामांकन, प्रचार, मतदान और मतगणना शामिल हैं — जल्द ही पुनः शुरू की जाएगी।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह “जनतांत्रिक प्रक्रिया की जीत” है।

विपक्षी दलों ने पहले आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। अब जब कोर्ट ने सरकार की प्रक्रिया को सही माना है, तो यह मामला राजनीतिक रूप से भी सरकार के पक्ष में जाता दिख रहा है। हालांकि, कांग्रेस और अन्य दलों ने अब भी इस पर सतर्कता बनाए रखने की बात कही है।

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