सूखा और कम पानी में धान उगाने के सफल उपाय

सूखे के बावजूद धान की बंपर पैदावार अब संभव हो गई है, और इसके लिए किसानों के पास कई प्रभावी विकल्प मौजूद हैं। कृषि वैज्ञानिकों और संस्थानों ने ऐसी धान की किस्में और तकनीकें विकसित की हैं जो कम पानी में भी उच्च उपज देती हैं।

सूखे में धान की बंपर पैदावार के लिए प्रमुख किस्में और तकनीकें

1. सीआर धान 807 (CR Paddy 807)

यह किस्म आईसीएआर के हजारीबाग स्थित केंद्रीय बारानी उच्चभूमि धान अनुसंधान स्टेशन द्वारा विकसित की गई है। यह सूखा सहनशील, रोग प्रतिरोधी और कम सिंचाई में भी अच्छी उपज देने वाली है। इसकी औसत उपज 5.35 टन प्रति हेक्टेयर तक होती है और यह झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के सिंचित क्षेत्रों में उपयुक्त पाई गई है। 

2. स्वर्ण श्रेया धान

यह किस्म कम पानी में भी 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है। यह सूखा सहनशील, रोग प्रतिरोधी और कम समय में पकने वाली है (120-125 दिन)। यह विशेष रूप से असिंचित और कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। 

3. शुष्क सम्राट धान

यह किस्म सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली जैसे पठारी क्षेत्रों में कम पानी और कम लागत में भी अच्छी उपज देती है। यह किस्म 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है और कम समय में पककर तैयार हो जाती है। 

4. डीएसआर (Direct Seeded Rice) तकनीक

इस तकनीक में नर्सरी की आवश्यकता नहीं होती, जिससे समय, मेहनत और लागत में कमी आती है। इसमें बीजों की सीधी बुवाई की जाती है, जिससे पानी की खपत कम होती है और उपज में वृद्धि होती है। सरकार इस तकनीक के लिए अनुदान भी प्रदान करती है। 

सूखे के बावजूद धान की बंपर पैदावार अब संभव है, बशर्ते किसान उपयुक्त किस्मों और तकनीकों का चयन करें। सीआर धान 807, स्वर्ण श्रेया, शुष्क सम्राट जैसी किस्में और डीएसआर तकनीक सूखे क्षेत्रों में भी उच्च उपज देने में सक्षम हैं। किसानों को इन विकल्पों को अपनाकर अपनी पैदावार बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।

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