वास्तु टिप्स: घर में शीशा और घड़ी लगाने की शुभ दिशा जानिए और बढ़ाएँ सकारात्मक ऊर्जा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सही दिशा में शीशा और घड़ी लगाने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, बल्कि सुख-शांति, समृद्धि और मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है। कई बार लोग अपने घर में शीशा और घड़ी लगाते समय छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे घर में अशांति और लड़ाई-झगड़े जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आइए जानते हैं वास्तु के नियमों के अनुसार शीशा और घड़ी लगाने की सही दिशा और तरीके।
शीशा कहाँ लगाएं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शीशा पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना गया है।
इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास रहता है।
धन लाभ के योग बनते हैं।
परिवार में मान-सम्मान और कारोबार में वृद्धि होती है।
बेडरूम में शीशा लगाने की सावधानियाँ:
सोते समय व्यक्ति की परछाई शीशे में न दिखे।
इससे नकारात्मक ऊर्जा का असर कम होता है और शांति बनी रहती है।
कहाँ नहीं लगाएं:
दक्षिण और पश्चिम दिशा में शीशा लगाना अशुभ माना जाता है।
इससे परिवार में कलह और नकारात्मकता बढ़ सकती है।
घड़ी कहाँ लगाएं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में घड़ी उत्तर दिशा में लगाना शुभ होता है।
इससे सुख-समृद्धि बढ़ती है।
व्यक्ति के करियर और पेशेवर जीवन में सफलता के योग बनते हैं।
बेडरूम में ध्यान दें:
घड़ी को बिस्तर के सामने या ऊपर नहीं लगाना चाहिए।
बंद घड़ी या टूटी हुई घड़ी को घर में नहीं रखना चाहिए। इसे ठीक कराएँ या घर से बाहर रखें।
कहाँ नहीं लगाएं:
घड़ी को दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इसे यमराज की दिशा माना जाता है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
टूटा हुआ शीशा या बंद घड़ी घर में अशांति और दुर्भाग्य का कारण बन सकती है।
घर में इन वस्तुओं की सही दिशा और स्थिति पर ध्यान देने से सकारात्मक वातावरण बना रहता है।
नोट: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। सी न्यूज़ भारत इस लेख में बताए गए उपायों और कथनों का समर्थन नहीं करता। यह जानकारी विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, मान्यताओं और धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे अंतिम सत्य न मानें और अपने विवेक का उपयोग करें।

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