अधूरे वादे और हिन्दू-मुस्लिम मुद्दों की भेंट चढ़ा विधानसभा मानसून सत्र

उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन अजीब-ओ-गरीब नजारा देखने को मिला. सदन में समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने गांवों में पानी पहुंचाने की योजना पर सवाल पूछा तो योगी सरकार के मंत्री ने कह दिया कि विधायक अपनी बीवी की कसम खा कर कहें कि उनके गांव में पानी नहीं पहुंच रहा है.
सपा विधायक फहीम इरफान ने विधानसभा में कहा कि - जल जीवन मिशन को लेकर सदन में बैठे विधायक बहुत दुखी हैं. हालात ये हैं कि प्रेशर इतना कम है कि आधे घंटे में एक बाल्टी पानी भरता है. जल जीवन मिशन आने के बाद हैंडपंप की व्यवस्था खत्म कर दी गई. जिन ठेकेदारों को काम दिया गया, उन्होंने सारे विकास के काम तोड़ दिए. पहले रोड तोड़े और फिर पानी के टैंक बनाए. चाहे मामला अयोध्या का हो या बरेली का या सीतापुर का. मथुरा हो या पूरे प्रदेश में कई जगह पानी की टंकियां गिरीं. हालात बहुत बुरे हैं. इसमें कुछ लोगों को जान भी गई. इसका मुआवजा कौन देगा... सरकार या कंपनी..
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबरा और मंदिर को लेकर हुए बवाल पर सियासत गरमा गई है. मेरठ की सरधना सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान ने भारतीय जनता पार्टी पर अराजकता फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा करवाकर सत्ता में आने का ख़्वाब देख रही है.
सपा विधायक अतुल प्रधान ने फतेहपुर की घटना पर कहा कि "भारतीय जनता पार्टी के लोग फतेहपुर में अराजकता फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि वहां के पूरे प्रशासन और बीजेपी के लोगों ने मिलकर फतेहपुर की घटना कराई हैं. ये पूरी सरकार हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा करवाकर फसाद कराकर दोबारा सत्ता के ख़्वाब देख रही है.
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