Vladimir Putin और उनका स्मार्टफोन से दूरी का रहस्य
रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin इन दिनों दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। दोनों देशों के लिए यह दौरा न केवल राजनयिक बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लेकिन इस दौरे से पहले एक बात जिसने दुनिया भर के लोगों का ध्यान खींचा, वह यह है कि Putin स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करते। हाँ, वह दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक हैं और फिर भी उनके पास कोई मोबाइल फोन नहीं है।
इसके उलट, अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump अपने आईफोन का इस्तेमाल करते हैं और पर्सनल बातचीत से लेकर सोशल मीडिया तक, सब कुछ फोन पर ही संभालते हैं।

तो आखिर क्यों दुनिया के इस प्रभावशाली नेता ने स्मार्टफोन से दूरी बनाई हुई है? इसका जवाब सुरक्षा और प्राइवेसी से जुड़ा है।
स्मार्टफोन और सुरक्षा का खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति हर कदम पर खतरों का सामना करते हैं। इस कारण, उनके लिए किसी भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल सुरक्षा के लिहाज से बहुत बड़ा जोखिम है।
2018 में Kurchatov Nuclear Research Institute के हेड Mikhail Kovalchuk ने एक मीटिंग में कहा था कि आजकल हर किसी के पास स्मार्टफोन होता है। इस पर Putin ने सीधे जवाब दिया.“आपने कहा कि हर किसी के पास स्मार्टफोन है… लेकिन मेरे पास स्मार्टफोन नहीं है।”
रूस के प्रेस स्पोक्सपर्सन Dmitry Peskov ने भी पुष्टि की कि Putin के पास कोई फोन नहीं है। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल किसी हाई-प्रोफाइल नेता की प्राइवेसी और सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
दरअसल, Kremlin, जो कि सरकार का मुख्यालय और राष्ट्रपति का निवास है, मोबाइल फोन के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित क्षेत्र है..अगर Putin को किसी से बात करनी होती है, तो वे सिर्फ ऑफिशियल फोन लाइन का इस्तेमाल करते हैं, मोबाइल का नहीं।

इंटरनेट और मोबाइल पर भरोसे की कमी
2017 में स्कूली बच्चों के साथ बातचीत के दौरान Putin ने कहा कि वे इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत कम करते हैं। उन्होंने इंटरनेट को CIA का एक खास प्रोजेक्ट भी बताया।
Putin पहले भी कह चुके हैं कि मोबाइल फोन और इंटरनेट पर भरोसा नहीं करते, और मुख्य रूप से सुरक्षा कारणों से उनका इस्तेमाल नहीं करते।
इस तरह, दुनिया का एक सबसे शक्तिशाली नेता भी सुरक्षा और गोपनीयता के चलते स्मार्टफोन और इंटरनेट से दूरी बनाए रखता है। अगली बार जब आप अपने फोन से चिपके हों, तो सोचिए: यह तकनीक कितनी अहम और कितनी जोखिम भरी भी हो सकती है।

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