मानवतकर होम ट्यूटोरियल वाशिम ने साहित्य रत्न डॉ. अन्नाभाऊ साठे की जयंती मनाई

महाराष्ट्र - वाशिम में छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने और उत्कृष्ट परिणामों की परंपरा को कायम रखने वाली कोचिंग क्लास, मानवटकर होम ट्यूटोरियल वाशिम ने साहित्य रत्न डॉ. अन्नाभाऊ साठे की जयंती मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन जयंती समारोहों में, छात्रों ने निबंध प्रतियोगिताओं, भाषण प्रतियोगिताओं, चित्रकला और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेकर साहित्य रत्न डॉ. अन्नाभाऊ साठे के जीवन पर प्रकाश डाला। प्रो.जगदीश मानवटकर सर की कक्षा पिछले 13 वर्षों से वाशिम में छात्रों के छिपे गुणों को उजागर करने वाली कोचिंग क्लास के रूप में निरंतर कार्य कर रही है। प्रो. जगदीश मानवतकर सर छात्रों की खूबियों को पहचानकर उन्हें निरंतर प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें नई प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। इसी बात को सार्थक करने के लिए साहित्य रत्न डॉ. अन्नाभाऊ साठे की जयंती के अवसर पर 1 अगस्त को उनके कोचिंग क्लासेस मानवटकर होम ट्यूटोरियल वाशिम में भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता और चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर इस कोचिंग क्लास के कई विद्यार्थियों ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया और डॉ. साहित्य रत्न अन्नाभाऊ साठे के जीवन पर प्रकाश डालने का प्रयास किया। इन कार्यक्रमों में वाशिम के सामाजिक कार्यकर्ता रामदास कलापड, सुप्रसिद्ध प्रो. माधवराव डोंगरदिवे सर, राजकुमार पडघन सर का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। जबकि सुरेश कुचेकर और श्रीमती सविता कुचेकर अभिभावक के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रो. जगदीश मानवटकर सर ने ज्ञानवर्धन करते हुए कहा कि साहित्य रत्न डॉ. अन्नाभाऊ साठे केवल डेढ़ दिन ही स्कूल गए थे, लेकिन यह असाधारण बात है कि उन्होंने बहुत सारा साहित्य लिखा और समाज में जागरूकता पैदा की। साहित्य रत्न डॉ. अन्नाभाऊ साठे की रचनाएँ हमें निरंतर प्रेरणा देती हैं और सामाजिक व्यवस्था पर प्रहार करने वाली उनकी रचनाएँ उनकी कई पुस्तकों में देखने को मिलती हैं। उनका उपन्यास फकीरा हमें अन्याय के विरुद्ध विद्रोह करने की प्रेरणा देता है। इसलिए हमें अन्याय के विरुद्ध उठ खड़ा होना चाहिए। विद्यार्थियों ने अपने विचार व्यक्त किए कि उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और उनसे प्रेरणा लेकर उनके जैसा लेखक बनना चाहिए। इस अवसर पर इस कोचिंग सेंटर के विद्यार्थी, आरव मंजराते, अंश राउत, भावना शिंदे, नेहल राठौड़, आदर्श घुगे, आदित्य पवार, ईश्वरी लोंढे, स्वरा पडघान, स्वराली मोरे, रुद्र मोरे युग आज़ादे, प्रणव बोढके, शाश्वत इंगोले, मयूर पडवाल, यश अझाडे, विवेकानंद ढोबले ने भाषण प्रतियोगिता और निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया और डॉ. अन्नाभाऊ साठे के कार्यों पर प्रकाश डाला। इसके लिए उन्हें जगदीश मानवटकर सर, प्रोफेसर राहुल प्रधान सर और प्रोफेसर उमेश चव्हाण सर का सहयोग मिला।

रिपोर्टर - नागेश अवचार

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