चुनाव आयोग और सरकार को इतनी जल्दी क्यों...एसआईआर प्रक्रिया पर अखिलेश यादव ने उठाए सवाल.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दौरान बीएलओ पर बढ़ते मानसिक दबाव और मौत के मामलों को लेकर बीजेपी सरकार और निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में अखिलेश यादव ने हाल ही में ड्यूटी के दौरान मृत हुए बीएलओ विजय कुमार वर्मा के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी और कहा कि एसआईआर के बहाने जनता के वोटिंग अधिकार छीनने की साज़िश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और निर्वाचन आयोग मिलीभगत कर वोटर लिस्ट संशोधन के नाम पर संवैधानिक अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
बीएलओ विजय कुमार वर्मा के परिजनों ने भी आरोप लगाया कि सरकार और अधिकारी सच छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। परिवार ने बताया कि 14 नवंबर को ड्यूटी करते समय ही विजय कुमार को ब्रेन हेमरेज हुआ था। रात 11 बजे तक वे काम कर रहे थे, तभी अचानक कुर्सी से गिर पड़े और अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने ब्रेन हेमरेज की पुष्टि की। परिजनों का कहना है कि अधिकारी झूठा दावा कर रहे हैं कि वह ड्यूटी पर नहीं थे और पहले से बीमार थे, जबकि प्रशासन ने किसी तरह की मदद भी नहीं की।
अखिलेश यादव ने मांग की कि मृतक बीएलओ के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी और सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी जानबूझकर दबाव बना रहे हैं ताकि मौत को ड्यूटी से असंबंधित बताया जा सके।
एसआईआर को लेकर हो रही जल्दबाजी पर सवाल उठाते हुए अखिलेश ने भाजपा पर हमला बोला और कहा कि फॉर्म की तकनीकी जटिलताओं को समझे बिना सफाई कर्मचारियों तक को बीएलओ कार्य सौंपे जा रहे हैं। जबकि सरकार कहती है कि सभी फॉर्म बांटे जा चुके हैं, वास्तविकता बिल्कुल उलट है। उन्होंने आशंका जताई कि यह पूरा अभियान जनता के वोटिंग अधिकारों को प्रभावित करने की कोशिश का हिस्सा है।
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