महात्मा बसवेश्वर जयंती उत्सव के उपलक्ष्य में चित्रकला एवं वकृत्व प्रतियोगिता उत्साहपूर्वक संपन्न

यवतमाल :  यवतमाल स्थित वीरशैव हितसंवर्धक मंडल, वसुधा प्रतिष्ठान, लिंगायत महिला मंडल तथा बसव क्लब की ओर से इस वर्ष का महात्मा बसवेश्वर जयंती उत्सव समारोह दिनांक 27 अप्रैल 2025 को प्रारंभ हुआ। बारहवीं शताब्दी में सामाजिक समानता की आंदोलन के ‘आद्य प्रवर्तक’ जगतज्योति महात्मा बसवेश्वर की 920वीं जयंती के उपलक्ष्य में स्थानीय ‘महात्मा बसवेश्वर सांस्कृतिक भवन’ में चित्रकला एवं वकृत्व प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।  

महात्मा बसवेश्वर के जीवन चरित्र एवं विविध कार्यों पर आधारित चित्र रेखांकन करने का आह्वान किया गया था। साथ ही, प्रमुखता से 12वीं शताब्दी के बसव युग को समझना, तत्कालीन सामाजिक-धार्मिक परिस्थिति को उजागर करना, बसवेश्वर के जीवन संघर्ष को जानना और समाज सुधार व समानता के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों का व वचनों द्वारा प्रस्तुत विचारों का विश्लेषण करना अपेक्षित था। इस अवसर पर उनके विचारों की पुनः समीक्षा हो सके और समाज में वक्ताओं का निर्माण हो सके, इस उद्देश्य से वकृत्व प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी।  

प्रतियोगिता में सात वर्ष के छोटे बच्चों से लेकर खुले वर्ग तक के प्रतियोगियों ने बढ़-चढ़कर सहभाग लिया। विषय की समझ, विचारों की प्रस्तुति शैली, आवाज में उतार-चढ़ाव तथा प्रभावी शारीरिक भाषा के चलते श्रोताओं से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इस प्रकार की प्रतियोगिताएं व उत्सव महामानवों के विचारों को पुनर्जीवित करते हैं, विचारमंथन होता है और समाजबंधुओं का संगठन सशक्त होता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मंडल ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।  

इस अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता में गट-अ (समूह-अ) में श्रेयांश हेगु, देवाशिष मीरासे, आदित्य नांदुरकर, वरद देमापुरे, रुद्र तेले, मृण्मयी पांडे, जान्हवी मनीष शेटे ने भाग लिया। वहीं गट-ब (समूह-ब) में शिवम विजय चौरे, अविका ओमेश हातगांवकर, कृष्णा चौरे, वैश्विक नवलाखे, प्रथमेश मानेकर आदि प्रतियोगी सम्मिलित हुए।  

वकृत्व प्रतियोगिता में गट-अ के लिए वैश्विक नवलाखे, सानवी नांदेकर, अरुण निखिल तंबाके, अर्णव संदीप रामापुरे, आदित्य नांदुरकर, अद्वैत नांदुरकर तथा खुले गट में सुवर्णा मानेकर, पलसिद्ध मानेकर, नक्षत्रा बिडवे, जयश्री ईसासरे, कृष्णा चौरे आदि प्रतियोगियों ने भाग लिया।  

स्पर्धा के निर्णायक के रूप में डॉ. राजेंद्र उमरे (सेवानिवृत्त प्राचार्य) एवं श्रीमती कल्पना देशमुख (वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता) ने कार्य किया। प्रकल्प अधिकारी के रूप में प्रो. श्रीमती तेजश्री मानेकर (अध्यक्ष, महिला मंडल), श्रीमती रेणुका कुल्ली (सचिव, महिला मंडल), श्री मंगेश शेटे और प्रो. डॉ. सीमा शेटे-नवलाखे (उपाध्यक्ष, महिला मंडल) ने जिम्मेदारी निभाई।  

इस अवसर पर वीरशैव लिंगायत मंडल के अध्यक्ष डॉ. जयेश हातगांवकर ने उपस्थितों का स्वागत कर बसव जयंती पर्व की शुभकामनाएं दीं और सभी प्रतियोगियों का अभिनंदन किया। साथ ही अक्षय तृतीया, दिनांक 30 अप्रैल को समाजबंधुओं के लिए जयंती समारोह के अंतर्गत शिल्पकृति का अनावरण समारोह, जनजागरण रैली एवं शोभायात्रा में अधिकाधिक संख्या में उपस्थित रहने का आग्रह भी किया।  

कार्यक्रम का संयोजन मंडल के सचिव श्री निलेश शेटे ने किया। इस कार्यक्रम की सफलता में गिरीश गाढवे, गजानन हातगांवकर, मंगेश शेटे, रमेश केळकर, जयंत डोंगरे, अशोक तेले, विनोद नारिंगे, राजेश मानेकर, कल्पना देशमुख, तेजश्री मानेकर, रेणुका कुल्ली, सीमा शेटे-नवलाखे, माधवी मोझरकर आदि का विशेष योगदान रहा।  

इस अवसर पर डॉ. जयेश हातगांवकर ने गर्मी से बचाव हेतु होम्योपैथी औषधियों का नि:शुल्क वितरण भी किया। कार्यक्रम में समाजबंधु, बहनें और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। प्रतियोगिता का परिणाम बसव जयंती समारोह के अवसर पर घोषित किया जाएगा, ऐसा मंडल की ओर से बताया गया। अंत में महात्मा बसवेश्वर के प्रेरणादायी वचनों के साथ समारोह का समापन हुआ।  

रिपोर्टर : आशीष गणेश खडसे 

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