माँ बनने का सपना, फेसबुक से मिला डोनर — फिर आई पछतावे की कहानी!

माँ बनना हर महिला के लिए एक अनोखा, खूबसूरत एहसास होता है। लेकिन एक इंग्लैंड की महिला के लिए यह अनुभव आशा से ज्यादा, एक बड़ी चुनौती और पछतावे की दास्तां बन गया।
लॉरा कोल्डमैन, 33 साल की, 2018 में सिंगल हो गई थीं। उनके पहले से एक प्यारे बेटे थे, लेकिन दिल चाह रहा था कि उसके जीवन में एक भाई-बहन भी हो। महंगे और जटिल इलाज जैसे IVF से बचने के लिए उन्होंने फेसबुक के सहारे एक स्पर्म डोनर ढूंढने का फैसला किया। सोशल मीडिया के जरिए उनके सपने की शुरुआत हुई, लेकिन जो अंत आया, उसने उन्हें सिखा दिया कि ऑनलाइन फैसलों में कितना जोखिम छुपा होता है।
अकेलेपन की तलाश में सोशल मीडिया की जाल में फंसना
2020 में फेसबुक के एक ग्रुप में एक अजनबी ने डोनर बनने का प्रस्ताव दिया। लॉरा ने उसकी विश्वसनीयता जानने के लिए कई और ग्रुप्स से जानकारी जुटाई और उसे भरोसेमंद पाया। फिर क्या था, दिसंबर 2020 में लॉरा पहली बार उसके घर गईं, जहाँ डोनर ने लगभग बिना बोले एक बेसमेंट के कमरे में जाकर सिरिंज में सैंपल दिया। लॉरा ने खुद ही सेल्फ-इन्सेमिनेशन की प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद सात महीनों में यह प्रक्रिया तीन बार और दोहराई गई, और अंततः जुलाई 2021 में उनकी ख़ुशियों का पैगाम आया — वे गर्भवती थीं।
बेटे का जन्म, खुशी के साथ आईं नई चुनौतियाँ
अप्रैल 2022 में उनका बेटा कैलम एंथनी रयान दुनिया में आया। कैलम उनके लिए उम्मीद और खुशियों की किरण था। लेकिन खुशी के साथ ही आई कुछ अनजानी चुनौतियाँ — कैलम अभी बोल नहीं पाता, और उसकी जिज्ञासा ने घर के फर्नीचर को भी बचने का मौका नहीं दिया।
लॉरा ने महसूस किया कि शायद बच्चे की ये विशेषताएँ डोनर के जीन से जुड़ी हैं। वह खुद न्यूरोडाइवर्जेंट नहीं हैं, लेकिन पता चला कि उसी डोनर के बच्चे अन्य महिलाओं के भी कुछ न्यूरोलॉजिकल लक्षण पाए गए हैं। आज कैलम ऑटिज्म टेस्ट और स्पीच थेरेपी की लंबी प्रतीक्षा में है।
फेसबुक से डोनर लेना: क्या यह सही फैसला था?
लॉरा अब साफ कहती हैं, "मैं अपने बेटे के बिना जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकती, लेकिन फेसबुक से स्पर्म डोनर खोजने की सलाह मैं किसी को नहीं दूंगी। आप कभी नहीं जानते कि सामने वाला इंसान कौन है — कहीं वह मानसिक रोगी हो, कोई अपराधी या उसका मेडिकल इतिहास छुपा हो।"
उन्होंने डोनर को बच्चे के जन्म की खबर भी दी, लेकिन पिछले एक साल से उनका कोई संपर्क नहीं है।
यह कहानी एक चेतावनी है — तकनीक और सोशल मीडिया ने हमारी ज़िंदगी आसान की है, पर कभी-कभी कुछ फैसले हमारे लिए बहुत भारी पड़ सकते हैं। सपनों को पूरा करने का रास्ता अगर सही तरीके से न चुना जाए, तो इसका असर हमारी ज़िंदगी पर गहरा पड़ सकता है।
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