रेल के डिब्बे नहीं, ये हैं करोड़ों का मीठा खजाना छुपाए जादुई घर!

पहली नजर में आपको जो दिख रहा है, वह शायद किसी पुरानी रेलगाड़ी के डिब्बे जैसा लगे… लेकिन ज़रा ठहरिए! ये कोई छोड़े गए कोच नहीं, बल्कि ईरान के हरे-भरे ग्रामीण इलाकों में खड़े हैं कुछ जादुई रहस्यमयी घर – और इनमें छुपा है अरबों का मीठा खजाना – किशमिश!

इन अनोखे घरों को देखकर आपकी आंखें चौंक जाएंगी और मन में यही सवाल उठेगा – "आखिर ये हैं क्या?" दरअसल, ये हैं अंगूरों को सुखाने के ट्रेडिशनल ड्राइंग हाउसेज़, जिन्हें स्थानीय भाषा में "कंगीना रूम्स" कहा जाता है। ये घर मिट्टी, पत्थर और धूप की मदद से बनते हैं – और इनकी दीवारों में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जो हवा का संचार बनाए रखते हैं, ताकि अंगूर बिना मशीन के, प्राकृतिक रूप से मिठास से भर जाएं।

जहां दीवारें सुनाती हैं मीठी कहानी…

ईरान के खोरासान, हमादान और कुर्दिस्तान प्रांतों में फैले ये घर सिर्फ मिट्टी की इमारतें नहीं, बल्कि हज़ारों साल पुरानी परंपरा का हिस्सा हैं। यहां सुबह-सवेरे किसान ताजे अंगूरों को चुनते हैं, हल्के सोडा वॉश से धोते हैं और फिर इन ड्राइंग हाउसेज़ में सजा देते हैं – हवा और सूरज का जादू चलता है और धीरे-धीरे अंगूर बदल जाते हैं दुनिया की सबसे उम्दा किशमिश में।

कभी फारसी साम्राज्य में राजा इनसे मेहमानों का स्वागत करते थे, तो कभी रोमन सम्राट इन्हें पुरस्कारों के तौर पर इस्तेमाल करते थे। आज भी दुनिया ईरानी किशमिश की दीवानी है।

एक साधारण घर, असाधारण कमाई!

इन 'रेल जैसे' दिखने वाले घरों से निकलती है हर साल 2 लाख टन से ज्यादा किशमिश, और यही नहीं – 2024-25 में इसका निर्यात मूल्य 1 बिलियन डॉलर (लगभग ₹8,500 करोड़) से भी पार चला गया! खासतौर पर "गोल्डन रेज़िन" (Bonab Malekan) नाम की किशमिश को दुनिया भर में पसंद किया जाता है, जिसकी सुनहरी चमक सूरज की किरणों की देन होती है।

कला भी है, कारोबार भी…

इन घरों की बनावट भले ही सादी लगती हो, लेकिन इनके पीछे छिपा है विज्ञान, अनुभव और परंपरा का गहरा मेल। छतें सपाट या गुंबदनुमा होती हैं, ताकि धूप अंदर पहुंचे, लेकिन फल जले नहीं। सैकड़ों टोकरी अंगूर एक साथ सुखाई जाती हैं – और यह प्रक्रिया 2 हफ्तों से लेकर कई महीनों तक चलती है।

सबसे खास बात? मशीन से सूखाई गई किशमिश में जहां स्वाद हल्का होता है, वहीं इन सूरज-सिंचित किशमिशों में बसी होती है मिट्टी की महक और प्राकृतिक मिठास।अंत में बस इतना कहेंगें…जो आंखों को पुराना लगे, जरूरी नहीं कि वो बेजान हो।ईरान के ये अनोखे "किशमिश घर" इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं –जहां परंपरा, स्वाद और कारोबार का मेल,हर दीवार में लिखी है एक मीठी दास्तान।

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