भारत में ‘मिनी अफ्रीका,चाय, गुटखा और देसी मिजाज वाला गांव

ANJALI- 

भारत एक विशाल और बहुरंगी देश है, जहाँ अलग-अलग धर्म, भाषाएँ और संस्कृतियाँ एक साथ सांस लेती हैं। यही विविधता इस देश की असली पहचान है। लेकिन इसी विविधता के बीच कुछ स्थान अपनी अनोखी पहचान के कारण चर्चा में रहते हैं। ऐसा ही एक गांव है जंबूर, जो गुजरात राज्य में स्थित है। इस गांव में कदम रखते ही ऐसा महसूस होता है जैसे भारत नहीं, बल्कि अफ्रीका की धरती पर पहुंच गए हों।दरअसल, जंबूर की अधिकांश आबादी अफ्रीकी मूल की है। हालांकि, पीढ़ियों से भारत में रहने के कारण ये लोग अब भारतीय संस्कृति, भाषा और जीवनशैली में पूरी तरह घुल-मिल गए हैं।

जंबूर गांव गुजरात के अहमदाबाद जिले में स्थित है. यह गांव करीब 20-25 साल पहले सुर्खियों में आया था जब अफ्रीकी देशों से लोग यहां बसने लगे थे. ज्यादातर लोग नाइजीरिया, घाना, केन्या और अन्य अफ्रीकी देशों से हैं. ये लोग शुरुआत में व्यापार, शिक्षा या नौकरी के सिलसिले में भारत आए थे. लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने यहीं बसने का फैसला कर लिया. आज इस गांव की जनसंख्या में 70-80 प्रतिशत लोग अफ्रीकी मूल के हैं.

अनोखा है ये गांव

जंबूर गांव में कुछ स्थानीय गुजराती परिवार जरूर रहते हैं, लेकिन अब उनकी संख्या बहुत कम रह गई है। गांव की गलियों में निकलते ही गहरे रंग वाले चेहरे, अफ्रीकी अंदाज़ के कपड़े और खिलखिलाती हंसी आपका स्वागत करते हैं। पर जैसे ही आप उनसे बात करेंगे, तो हैरान रह जाएंगे उनकी हिंदी इतनी प्रभावशाली और स्थानीय लहजे वाली है कि एक पल को लगेगा मानो आप किसी देसी ठेकेदार से बात कर रहे हों।दिलचस्प बात यह है कि अफ्रीकी मूल के ये लोग अब पूरी तरह भारतीय जीवनशैली में ढल चुके हैं। सुबह की शुरुआत चाय की चुस्की से होती है, फिर गुटखा, पान की दुकान पर गपशप बिल्कुल किसी आम भारतीय की तरह।

 

 

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