अधिकारियों ने डीएम मोनिका रानी के खिलाफ खोला मोर्चा, स्थानांतरण न होने तक कार्य वहिष्कार की दी चेतावनी, डीएम ने आरोपों को निराधार बताया

बहराइच : डीएम मोनिका को हटाने की मांग को लेकर अधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है। धरने पर बैठे पंचायत राज सेवा परिषद के जिलाध्यक्ष सर्वेश पांडेय ने कहा कि अधिकारियों के स्वाभिमान के साथ अगर खिलवाड़ होता है तो ऐसी परिस्थिति में हम काम करने को बाध्य नहीं हैं। हमें मजबूर करके कोई भी हमसे गुलामी वाली अवस्था में काम नहीं ले सकता है। उन्होंने कहा कि डीएम ने शनिवार की बैठक में हमारे साथ अभद्रता की। इसी लिए हम सब इसके खिलाफ धरना दे रहे हैं।प्रदेश संगठन ने एक सप्ताह के अंदर डीएम के तबादले की मांग की है'। श्री पांडेय  सोमवार को विकास भवन परिसर में चल रहे धरना-प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे।धरने में काफी संख्या में अधिकारी शामिल हुए।वहीं दूसरी ओर डीएम मोनिका रानी ने सभी आरोपों को खारिज किया है। मीडिया से बातचीत में जिलाध्यक्ष ने आगे कहा कि डीएम ने बैठक से सीडीओ, जिला प्रोग्राम अधिकारी, डीपीआरओ और उनके सभी स्टाफ से जाने के लिए कह दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि यह बैठक छुट्टी वाले दिन बुलाई गई थी। आगे जिलाध्यक्ष ने कहा कि डीएम के खिलाफ हम लोग एकजुट हैं। डीएम किसी भी बहाने किसी को भी प्रताड़ित कर सकती हैं।जब से वह जिले में आई हैं तब से अनुचित व्यवहार कर रहीं हैं। मामले को लेकर रविवार को संगठन से जुड़े यूपी के सभी जिलों के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें जिला पंचायत राज अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कार्रवाई न होने पर हमारा कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।हम लोग काम करने वाले हैं।हम लोगों की बदौलत ही डीएम को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला हैं।पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि जिला कार्यक्रम अधिकारी, उनके अधीनस्थ बाल विकास परियोजना अधिकारियों और जिला विकास अधिकारी को बिना किसी कारण के ही बैठक से निकाल दिया । डीएम ने हमारा अपमान किया। पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक डीएम मोनिका रानी का स्थानांतरण नहीं हो जाता है उनका कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।पंचायत राज सेवा परिषद की ओर से दिए जा रहे धरने के बीच डीएम मोनिका रानी ने  बताया कि अधिकारियों की ओर से लगाए गए सभी आरोप गलत हैं।कांवड़ यात्रा के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी। इसमें लापरवाही बरती गई। इसकी वजह से 27 अफसरों का वेतन रोक दिया गया है। बताया जा रहा है कि फर्रुखाबाद में तैनाती के दौरान डीएम मोनिका रानी ने एआरओ दीपेंद्र कुमार को साल 2017 के चुनाव में तीन थप्पड़ जड़ दिए थे। उन्होंने अपने सुरक्षा कर्मियों से एआरओ को हिरासत में लेने की बात भी कही थी।इस संबंध में निर्वाचन आयोग समेत उच्च अधिकारियों से पीड़ित ने इसकी शिकायत भी की थी। फिलहाल मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

  रिपोर्टर : डा पह्लाद मिश्र 

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