विकास खण्ड मिहींपुरवा भ्रष्टाचार की खुली पोल

बहराइच - दो माह 20 दिन पूर्व हुआ भुगतान, अब खबर चलने के बाद शुरू हुआ कार्य — ग्राम पंचायत खड़िया में बड़ा घोटाला उजागर ₹2.61 लाख का इंटरलॉकिंग भुगतान बिना कार्य के, अधिकारी बने मूक दर्शक – मीडिया रिपोर्टिंग के बाद हरकत में आया तंत्र विकासखंड मिहीपुरवा की ग्राम पंचायत खड़िया में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। यहाँ पंचायत भवन परिसर में इंटरलॉकिंग कार्य के नाम पर ₹2,61,000 का भुगतान दो माह 20 दिन पूर्व ही कर दिया गया,
लेकिन मौके पर कार्य प्रारंभ तक नहीं हुआ था। खबर मीडिया में आने के बाद आनन-फानन में कार्य शुरू किया गया। भुगतान पहले, काम बाद में — घोटाले की बू फैली सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत भवन में इंटरलॉकिंग निर्माण के लिए पंचायत खाते से पूरा भुगतान पहले ही निकाल लिया गया था। लेकिन मौके पर महीनों तक एक भी ईंट नहीं लगी। गांव के लोग बार-बार पंचायत सचिव और प्रधान से शिकायत करते रहे, पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों का कहना है — “अब जब खबर अख़बार में छपी तो रातों-रात ईंट और बालू आ गए।
लगता है अधिकारी और प्रधान अब खुद को बचाने में जुटे हैं।” खंड विकास अधिकारी मौन क्यों?
मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि खंड विकास अधिकारी मिहीपुरवा और संबंधित तकनीकी सहायक अब तक मौन क्यों रहे? भुगतान के बाद निरीक्षण रिपोर्ट कैसे पारित हुई? क्या बिना कार्य के बिल पास कर दिया गया था? स्थानीय सूत्र बताते हैं कि “मामले में ऊपर तक मिलीभगत रही है, तभी इतने लंबे समय तक किसी ने निरीक्षण नहीं किया।” राजनीतिक दबाव या मिलीभगत? मीडिया रिपोर्ट के बाद जब गांव में अफरा-तफरी मची, तो पंचायत प्रतिनिधियों ने अचानक इंटरलॉकिंग का काम शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि यह काम अब सिर्फ दिखावा है। “जब भुगतान हो गया था तो दो महीने तक अधिकारी और प्रधान क्या कर रहे थे?” — स्थानीय ग्रामीण ग्रामीणों में आक्रोश, जांच की मांग तेज गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कि “यह जनता के धन की खुली लूट है। पंचायत फंड का दुरुपयोग कर अधिकारी और प्रधान मिलीभगत से रकम निकालते हैं।” ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है
मुख्य बिंदु एक नज़र में पंचायत का नाम खड़िया, विकासखंड मिहीपुरवा कार्य का नाम पंचायत भवन परिसर में इंटरलॉकिंग भुगतान राशि ₹2,61,000 भुगतान तिथि लगभग 2 माह 20 दिन पूर्व
कार्य की स्थिति खबर चलने के बाद प्रारंभ जिम्मेदार अधिकारी बीडीओ, तकनीकी सहायक, पंचायत सचिव जनता की मांग जांच कर दोषियों पर कार्रवाई
रिपोर्टर - रामनिवास गुप्ता
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