जोगमारन गांव में मधुमक्खी काटने से एक महिला की इलाज के दौरान हुई मौत

बांका - चांदन प्रखंड क्षेत्र के उत्तरी वारने पंचायत के वार्ड नंबर 10 जोगमारन गांव निवासी संतोष कुमार राय,शिवन पुझार, गणेश राय, वार्ड सदस्य लखीराम मरांडी, सुखदेव यादव आदि ने बताया कि  कल शनिवार को लगभग 3:00 बजे बकरी चराने के दौरान गांव के बगल  जंगल में मधुमक्खियों ने अचानक चार बकरी चरवाहा मृतक मालती देवी उम्र 55 पति स्वर्गीय जगदीश पुझार, 13 वर्षीय अदेना कुमारी पिता रामशाही पुझार, 60 वर्षीय शांति देवी पति स्वर्गीय गूड़ा पुझार, एवं श्याम सुंदर राय के उपर हमला कर दिया। और सभी लोग जंगल में ही गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उसी में से श्याम सुंदर राय ने किसी तरह से भाग कर गांव आकर हम ग्रामीणों को जानकारी दिया। हम लोगों ने तत्परता दिखाते हुए खटिया कम्बल लेकर सभी जख्मी को कम्बल से ढकते हुए खटिया पर बैठाकर गांव ले आए। एवं एंबुलेंस वाले को सूचना दिया। लेकिन अस्पताल में एक भी एंबुलेंस खाली नहीं था। संतोष कुमार राय ने बताया कि लगभग 20, 30 वार 102 पर कॉल किया। लेकिन फोन रिसीव ही नहीं कर रहे थे। गांव से अस्पताल ले जाने के लिए कोई साधन नहीं था। फिर किसी तरह से  एक ओटो की व्यवस्था कर सभी जख्मी को परिजनों के साथ लगभग शाम के 7:00 बजे चांदन अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने प्रथम दृष्टांत में प्राथमिक उपचार सूई सलाइन किया गया। एवं दवाई खिलाई गई। लेकिन 10:00 बजे  रात्रि के बाद अस्पताल परिसर में एक भी डॉक्टर नहीं थे। एएनएम दीदी बार-बार सभी मरीजों को जांच पड़ताल कर रही थी। शिवन पुझार, संतोष कुमार राय ने बताया कि देर रात मालती देवी की स्थिति बिगड़ने लगी, लेकिन हम सब क्या करते अस्पताल परिसर में सिर्फ एक गार्ड था। और  आज सुबह-सुबह लगभग 3:00 बजे उसकी मौत हो गई। अस्पताल परिसर में ही मृतक के परिजनों ने कोहराम मचने लगी। अब कोई भी मधुमक्खियां से हुई जख्मी चांदन अस्पताल में रहना नहीं चाह रही थी। मजबूरन मृतक के साथ सभी जख्मी को उठाकर एंबुलेंस से गांव ले आया हूं। लेकिन दो 13 वर्षीय बच्ची अदेना कुमारी एवं शांति देवी की स्थिति अभी भी नाजुक स्थिति बनी हुई है। शांति देवी सत्तू पी नहीं सकती है। प्राप्त समाचार के अनुसार जब इसकी सूचना चांदन अस्पताल प्रभारी को दिया गया। उन्होंने दोबारा एंबुलेंस भेज कर सभी जख्मी को चांदन अस्पताल, या देवघर अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती करने के लिए एंबुलेंस भेज कर लाने का प्रयास किया गया। लेकिन गांव में मधुमक्खी काटने से मालती देवी की मृत्यु हो जाने से ग्रामीण भयभीत होकर बेहतर इलाज हेतु देवघर ले जाने के लिए इनकार कर गए। उन लोगों ने कहा कि जो होगा अब गांव में ही होगा। एम्बुलेंस को खाली लौटा दिया गया। और कहा भगवान जो करेंगे सब ठीक कर देंगे। मृतक मालती देवी के दो संतान मुकेश पुझार एवं रितेश पुझार बेंगलोर में रहते हैं। उनकी आने में तेरी हो जाएगी। इसलिए बहन बेटियों के साथ सहमति बनाते हुए आज ही डर संस्कार किया जाएगा।

रिपोर्टर - राकेश कुमार बच्चू

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