इमाम हुसैन की कुर्बानी किसी एक कौम के लिए नहीं : अली अब्बास

बाराबंकी : इमाम हुसैन ने करबला के मैदान में अपने भरे घर को कुर्बान करके सिर्फ़ दीन ही नहीं बचाया बल्कि क़यामत तक के लिए इंसानियत को भी बचाया है इमाम हुसैन किसी एक कौम के लिए मिसाली नहीं हैं बल्कि हर उस कौम के लिए मिसाली हैं जो मज़हबे इंसानियत पर अमल करता है ये बात शहर से 15 किलोमीटर दूर चंदवारा गांव में मरहूम सगीर हुसैन के अजाखाने में कदीमी जुलूस की मजलिस को खिताब करते हुए ज़ाकिरे अहलेबैत जनाब अली अब्बास साहब ने कही बाद मजलिस जुलूस बरामद हुआ जिसमें ज़ुलजनाह और अलम की जियारत कराई गई अंजुमन नुसरतुल अजा संगौरा ने नौहाखानी व सीनजनी की ये जुलूस अपने निर्धारित मार्ग से होता हुआ देर शाम करबला पहुंचा जहां नम आंखों से ताज़िए को सुपुर्दे खाक किया गया इसके बाद देर रात अजाखाने के परिसर में मातमी दस्ते द्वारा आग पर मातम किया गया जिसे देखने के लिए भारी भीड़ जुटी इस दौरान थाना सफदरगंज पुलिस जुलूस की सुरक्षा में मुस्तैद रही।
रिपोर्टर - नफीस अहमद
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