RSS चीफ मोहन भागवत के निशाने पर कौन? ||

लोकसभा चुनाव के बाद एक मुद्दा ऐसा सामने आया है जो आपके होश उड़ा देगा .. अभी तक आपको भी ऐसा लगता होगा कि आरएसएस और बीजेपी ये तो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं , लेकिन अगर हम आपके कहे कि ऐसा नहीं है तो आप क्या हमारा विश्वास करेंगे ..जी हां , कुछ ऐसे पहलू अब निकल कर सामने आ गए हैं , जिससे साफ हो गया है कि आरएसएस धीरे धीरे अपना नाता बीजेपी और सियासत से तोड़ने जा रहा है . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सरकार को ही सवालों के घेरे में ले लिया है , मामला कुछ ऐसा हो गया है कि जिससे लग रहा है कि पीएम मोदी के लिए अब भगवा का राग अलापना मुश्किल होने वाला है , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सरकार को खास नसीहत देते हुए अपना पल्ला सियासत से झाड़ लिया है .

बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ये रिश्ता काफी पुराना है ..लेकिन बीते 10 सालों में इन दोनों को एक ही तराजू में तौला गया .. बीजेपी के हर फैसले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ बताया गया ... लेकिन अब खुद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया  मोहन भागवत ने कुछ ऐसा बोल दिया है , जो आपको हैरान कर देगा .... जिस मणिपुर में विपक्ष ने सरकार को बीते साल जमकर घेरा ... जिस मणिपुर में महिलाओं की इज्जत सरेआम तार तार हुई ...जिस मणिपुर पर पीएम मोदी ने आज तक संतुष्टिजनक जवाब नहीं दिया , उस मणिपुर पर अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया  मोहन भागवत ने सरकार को घेरा है .. उन्होंने  कहा कि मणिपुर विवाद को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए.. उन्होंने कहा है कि राज्य में हो रही हिंसा को रोका जाना चाहिए..अब मोहन भागवत के बयान को संकेत में ही सही, मोदी सरकार की आलोचना के तौर पर देखा जा रहा है..

बता दें कि पिछले साल 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़की थी.. मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से चला आ रहा तनाव हिंसा में बदल गया था... शुरू के तीन दिनों में कम से कम 52 लोगों की जान चली गई थी... मणिपुर में पुरुषों की भीड़ ने दो महिलाओं के साथ रेप कर उनको नग्न अवस्था में गलियों में घुमाया था .. लेकिन सरकार ने कोई खास कदम नहीं उठाया ..बहरहाल, अब इसी मणिपुर हिंसा को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान आया है जो चर्चा का विषय है . मोहन भागवत ने साफ कहा कि आरएसएस जैसे संगठनों को सियासत में  बेवजह घसीटा गया..

यानी कि देखा जाए तो , जिस तरह से इसबार चुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है, वो इस बात का कहीं ना कहीं सबूत तो है ही कि जनता बीजेपी के मुद्दो पर बात ना करने से नाराज है ... वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का ये बयान जहां सरकार के लिए नसीहत है वहीं नई शुरूआत का संकेत भी है ..इस बार सरकार भगवा रंग में पूरी तरह ढल कर काम कर पाएगी , इस बात पर सवाल है , वहीं इस बार मुद्दों पर सरकार को बात करनी होगी , अगर ऐसा नहीं किया , तो खामियाजा अगली बार सत्ता गंवा कर भी चुकाना पड़ सकता है .. 

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