सीईए और आईआईटी रुड़की के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर, विद्युत क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

देहरादून : केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए), विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) ने विद्युत क्षेत्र में अनुसंधान, योजना, नवाचार तथा क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने हेतु एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस अवसर पर विद्युत मंत्रालय, सीईए और आईआईटी रुड़की के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में यह एमओयू संपन्न हुआ। इसका प्रमुख उद्देश्य आईआईटी रुड़की की शैक्षणिक एवं शोध क्षमताओं को सीईए की तकनीकी और विनियामक विशेषज्ञता के साथ समन्वित करना है, ताकि देश के ऊर्जा क्षेत्र की जटिल चुनौतियों का समाधान खोजा जा सके और भारत के ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों में सहायता प्रदान की जा सके। साझेदारी के प्रमुख बिंदु: विद्युत प्रणाली नियोजन, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, ग्रिड विश्वसनीयता और लचीलापन, तथा ऊर्जा भंडारण पर केंद्रित संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं। साक्ष्य-आधारित नीति विश्लेषण एवं तकनीकी अध्ययन। सेमिनार, प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और कार्यशालाओं जैसे ज्ञान-साझाकरण कार्यक्रमों का आयोजन। दीर्घकालिक विद्युत प्रणाली नियोजन हेतु तकनीकी उपकरण और सॉफ्टवेयर का विकास। विद्युत क्षेत्र के व्यावसायिकों हेतु अनुकूलित क्षमता निर्माण कार्यक्रम। इस अवसर पर सीईए के अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद ने कहा, "ऊर्जा क्षेत्र में स्थायी और अभिनव समाधान विकसित करने के लिए शिक्षा और सरकार के बीच सहयोग अत्यंत आवश्यक है।" आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने संस्थान की राष्ट्रीय योगदान की परंपरा पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "यह साझेदारी विद्युत क्षेत्र में अनुप्रयुक्त अनुसंधान को गति प्रदान करेगी और व्यावसायिकों के कौशल विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।" यह एमओयू भारत की ऊर्जा अवसंरचना को सुदृढ़ करने, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप स्वच्छ, विश्वसनीय और आत्मनिर्भर विद्युत प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल है।
रिपोर्टर : प्रवचन सिंह
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