डॉ सुमित गुप्ता ने किया पाइल्स, फिशर और फिस्टुला पर बड़ा खुलासा
आज के समय में गुदा मार्ग से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन जानकारी की कमी के कारण कई लोग हर समस्या को “पाइल्स” समझ लेते हैं। वास्तविकता यह है कि पाइल्स, फिशर और फिस्टुला तीन अलग-अलग बीमारियां हैं, जिनके लक्षण, कारण और इलाज भी अलग हैं। सही जानकारी न होने पर मरीज समय पर इलाज नहीं करा पाते और समस्या गंभीर हो जाती है।ऐसे में सी न्यूज भारत ने जाने माने डॉक्टर सुमित गुप्ता से इस विषय में बता की ...चलिए जानते है उन्होंने इस समस्या पर क्या कुछ कहा -
पाइल्स (बवासीर) क्या है?
विशेषज्ञ डॉक्टर सुमित गुप्ता बताते हैं कि डॉ. सुमित गुप्ता के अनुसार, पाइल्स गुदा मार्ग के निचले हिस्से में बनने वाले मस्से जैसे उभार होते हैं। ये नसों के फूलने के कारण बनते हैं। पाइल्स की सबसे बड़ी पहचान यह है कि मल त्याग के समय चमकीला लाल खून आता है। आमतौर पर इसमें दर्द नहीं होता, लेकिन यदि नसों में खून जम जाए तो दर्द भी हो सकता है। इसके अलावा गुदा में सूजन या गांठ भी महसूस हो सकती है।

पाइल्स होने के कारण
सुमित गुप्ता, विशेषज्ञ डॉक्टर के मुताबिक, पाइल्स के मुख्य कारणों में लंबे समय तक कब्ज रहना, टॉयलेट में ज्यादा देर बैठना, जोर लगाकर मल त्याग करना, कम फाइबर वाला भोजन, फास्ट फूड और शारीरिक गतिविधि की कमी शामिल हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खान-पान इस बीमारी को तेजी से बढ़ा रहे हैं।
फिशर क्या है ?
डॉक्टर सुमित गुप्ता बताते हैं कि फिशर गुदा मार्ग में बनने वाला लंबा चीरा या कट होता है। यह बहुत दर्दनाक होता है। जब कठोर मल गुदा मार्ग से बाहर निकलता है, तो वह अंदर की संवेदनशील त्वचा को फाड़ देता है, जिससे फिशर बन जाता है। फिशर में मल त्याग के समय तेज दर्द, जलन और खून आना आम लक्षण हैं।

फिशर के लक्षण और परेशानियां
डॉ. सुमित गुप्ता के दृष्टिकोण से फिशर से पीड़ित व्यक्ति को इतना दर्द होता है कि वह ठीक से बैठ भी नहीं पाता। कई मामलों में दर्द मल त्याग के बाद भी घंटों तक बना रहता है। जलन, खुजली और बेचैनी इसके आम लक्षण हैं। यदि समय पर इलाज न हो, तो फिशर पुराना या जटिल हो सकता है।
फिस्टुला क्या है?
फिस्टुला गुदा मार्ग की एक जटिल बीमारी है। इसमें गुदा मार्ग के अंदर से बाहर की त्वचा तक टनल या सुरंग जैसी नली बन जाती है। बाहर की ओर एक छोटा सा छेद दिखाई देता है, जिससे बार-बार पस या बदबूदार पानी निकलता रहता है। यह बीमारी बार-बार ठीक होकर फिर उभर आती है।
फिस्टुला बार-बार क्यों होता है?
फिस्टुला आमतौर पर एनल ग्रंथि के इंफेक्शन से होता है। इसके अलावा डायबिटीज, टीबी, क्रोन्स डिजीज, कमजोर इम्यूनिटी, लंबे समय तक बैठकर काम करना, धूम्रपान और शराब की आदत इसके दोबारा होने के कारण बन सकते हैं। कई बार सर्जरी के बाद सही देखभाल न होने पर भी फिस्टुला दोबारा हो जाता है।
ये बीमारियां अचानक क्यों हो जाती हैं?
डॉक्टर सुमित गुप्ता की राय में कई बार पाइल्स और फिशर अचानक हो जाते हैं। इसका कारण देर रात भारी और मसालेदार खाना, नींद की कमी, पानी कम पीना और कब्ज हो सकता है। कठोर मल गुदा मार्ग से निकलते समय अंदर की त्वचा को नुकसान पहुंचाता है, जिससे समस्या शुरू हो जाती है।

शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक
जैसा कि डॉक्टर सुमित गुप्ता ने बताया मल के साथ खून आना, गुदा में जलन या खुजली, तेज दर्द, गांठ या बार-बार पस निकलना—ये सभी लक्षण हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। शर्म या झिझक के कारण इलाज टालना बीमारी को गंभीर बना सकता है।
खान-पान और जीवनशैली से बचाव
पाइल्स और फिशर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए फाइबर युक्त भोजन, जैसे फल, दलिया और मोटे अनाज लेना जरूरी है। पानी खूब पीना, नियमित व्यायाम करना, समय पर सोना-जागना और फास्ट फूड से दूरी बनाना भी आवश्यक है। कब्ज से बचाव ही इन बीमारियों से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।
दवा या ऑपरेशन कब जरूरी होता है?
पाइल्स के शुरुआती चरणों और नए फिशर में दवाओं और जीवनशैली सुधार से इलाज संभव है। लेकिन पाइल्स के गंभीर मामलों और फिस्टुला में अक्सर सर्जरी की जरूरत पड़ती है। फिस्टुला को दवाओं से पूरी तरह ठीक करना मुश्किल होता है।

क्षारसूत्र विधि क्या है?
डॉ. सुमित गुप्ता के मुताबिक, क्षारसूत्र एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार पद्धति है, जिसमें औषधीय धागे का उपयोग किया जाता है। यह बिना चीरा, बिना ज्यादा खून और बिना भर्ती किए किया जाने वाला इलाज है। पाइल्स और फिस्टुला में इसे काफी प्रभावी माना जाता है और दोबारा होने की संभावना बहुत कम होती है।
क्या ये बीमारियां जानलेवा हो सकती हैं?
डॉ. सुमित गुप्ता ने कहा कि सीधे तौर पर ये बीमारियां जानलेवा नहीं होतीं। लेकिन लंबे समय तक इलाज न कराने पर एनीमिया, गंभीर इंफेक्शन और अंदरूनी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, जो जीवन के लिए खतरा बन सकती हैं।
पाइल्स, फिशर और फिस्टुला शर्म की नहीं, इलाज की बीमारी हैं। समय पर सही जानकारी और इलाज से इन्हें पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। जरूरी है कि लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह ली जाए और स्वस्थ जीवनशैली अपनाई जाए।तो अगर आपको भी ये समस्या और पाना चाहते हैं इससे छुटकारा तो संपर्क करें
DR SUMIT GUPTA
F.I. Plaza Near Kapoor Thala Chauraha, Lucknow, India, Uttar Pradesh
086045 42629

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