झांसी मंडल में सीनियर डीईओपी के तानाशाही रवैये से मचा हड़कंप

झांसी : पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन 'आदित्य' ने उत्तर मध्य रेलवे, झांसी मंडल में कार्यरत रेल चालकों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक को भेजे गए एक पत्र में सीनियर डिविजनल ऑपरेशंस मैनेजर (डीईओपी) शुभम श्रीवास्तव के तानाशाही रवैये पर सवाल उठाए हैं और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
पत्र में बताया गया है कि श्रीवास्तव ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में झांसी मंडल के रेल चालकों को अब तक 1820 चार्जशीटें जारी की हैं, जिससे चालकों में भय और असुरक्षा का माहौल उत्पन्न हो गया है। यह आरोप भी लगाया गया है कि चालकों को घंटों तक उनके चेंबर में खड़ा रखा जाता है, उनका पक्ष नहीं सुना जाता और सम्मानपूर्वक बात करने पर भी उन्हें अपमानित कर बाहर निकाल दिया जाता है।
प्रदीप जैन ने कहा कि सीनियर डीईओपी सभी चालकों — चाहे वे राजधानी, शताब्दी, मेल, पैसेंजर या मालगाड़ी के चालक हों — को एक ही दृष्टिकोण से देखते हैं और वरिष्ठता या सेवा अनुभव का कोई मान नहीं रखा जाता। इससे चालकों में भारी असंतोष और तनाव की स्थिति बनी हुई है, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती है।
पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि सीनियर डीईओपी के कार्यालय में वर्षों से कार्यरत कुछ चीफ लोको इंस्पेक्टर गैर-सुरक्षा श्रेणी (नॉन सेफ्टी कैटेगरी) में कार्यरत हैं, जबकि रेलवे बोर्ड का स्पष्ट आदेश है कि सभी सेफ्टी सुपरवाइजरों को उनके मूल पद पर तैनात किया जाए। इन आदेशों की अनदेखी कर श्रीवास्तव ने मनमानी की है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो झांसी मंडल में रेल चालकों का आक्रोश और अधिक विकराल रूप ले सकता है। प्रदीप जैन ने रेल मंत्रालय से इस मुद्दे की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
रेलवे प्रशासन की ओर से इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पत्र सामने आने के बाद विभाग में हलचल मच गई है। रेल कर्मचारियों से जुड़े संगठनों ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समर्थन जताने के संकेत दिए हैं।
रिपोर्टर : संतोष श्रीवास
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