कृष्ण जन्माष्टमी पर इस्कॉन द्वारा तीन दिवसीय कार्यक्रम का हुआ समापन, श्रृंगार व महा आरती करने पहुँचे संदीप सरावगी

झाँसी : श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय कृष्णा भावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा जनपद के क्राफ्ट मेला मैदान में तीन दिवसीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन 14 अगस्त से प्रारंभ होकर 16 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के दिन समाप्त हुआ। इस तीन दिवसी आयोजन में ध्रुव शर्मा स्वर्णा श्री, महाभारत के युधिष्ठिर रोहित भारद्वाज, मंत्र रॉक बैंड, रासलीला, डांडिया, अभिषेक, फैंसी ड्रेस शो व अन्य सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। तीनों दिन सुबह 8 से 10 बजे तक भागवत कथा के साथ मंगल आरती, नरसिंह आरती, तुलसी आरती, दर्शन आरती, गुरु पूजा, संध्या आरती, कीर्तन एवं श्रीमद् भागवत गीता कक्षा का भी आयोजन किया गया। वृंदावन धाम से कथा करने पहुंचे कथाव्यास वृंदावनचंद्र दास गोस्वामी महाराज ने सभी को भागवत गीता के सार से आच्छादित किया। कार्यक्रम के अंतिम दिन बाल गोपाल के अवतरण दिवस पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति मुकेश पाण्डेय, मण्डलायुक्त झाँसी बिमल कुमार दुबे, एमएलसी रमा निरंजन, बुंदेलखंड महाविद्यालय के प्रधानाचार्य संतोष राय के साथ जनपद की प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ संदीप अपने सहयोगियों नेहा बहल चाचर, अवधेश कुमारी पटेल, अनीता सिंह, राखी आर्य, कुसुम आर्य, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप, मनस्वी वर्मा, सागर और संगम के साथ उपस्थित रहे जहां उन्होंने अपनी सहयोगियों के साथ आरती, पुष्प श्रृंगार एवं अभिषेक कर भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त किया। मंच से संबोधित करते हुए डॉक्टर संदीप ने कहा कृष्ण जन्माष्टमी केवल उत्सव नहीं बल्कि हमारे जीवन को प्रेरणा देने वाला एक महोत्सव है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ, लेकिन उनके जीवन का उद्देश्य अत्याचार, अन्याय और अधर्म का अंत कर धर्म की स्थापना करना था। उन्होंने अपने जीवन से हमें यह सिखाया कि सत्य और न्याय की हमेशा जीत होती है। आज जब समाज में तनाव, असमानता और अशांति बढ़ रही है, तब हमें कृष्ण के उपदेशों को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। यदि हम कर्मठ, निष्ठावान और धर्म के मार्ग पर चलें, तो न केवल हमारा जीवन सुधरेगा बल्कि समाज और राष्ट्र भी समृद्ध होगा। उक्त कार्यक्रम में तीनों दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन बना रहा, कार्यक्रम को सफल बनाने में इस्कॉन कमेटी के सदस्यों का अभूतपूर्व योगदान रहा।
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