विकसित भारत की दिशा में कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ कृषि संवाद कार्यक्रम

झाँसी : आज डॉ. प्रमोद अग्रवाल (सेवानिवृत्त आईएएस) के मुख्य आतिथ्य में "विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश" और "समृद्ध उत्तर प्रदेश शताब्दी संकल्प 2047" के अंतर्गत "संवाद कार्यक्रम" का आयोजन रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी में किया गया। कार्यक्रम में बी. के. मौर्य (सेवानिवृत्त आईपीएस), डॉ. मुकेश गौतम (सेवानिवृत्त निदेशक, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश) एवं बी. बी. त्रिपाठी (निदेशक, संस्कृत पीठ, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और विकास के लिए रणनीतियों पर चर्चा करना रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत में उप निदेशक कृषि, उप निदेशक भूमि संरक्षण और जिला उद्यान अधिकारी ने अतिथियों का स्वागत किया और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश में झाँसी जनपद की भूमिका के बारे में जानकारी दी। 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. प्रमोद अग्रवाल ने उन्नत बीज, सीड पार्क, वैज्ञानिक खेती, फसल विविधीकरण और खाद्य प्रसंस्करण ढाँचे के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने के तरीकों पर प्रकाश डाला। इसी प्रकार बी. के. मौर्य ने अनाज, फल और सब्जियों की उत्पादकता को विश्वस्तरीय स्तर तक ले जाने के लिए आवश्यक कदमों पर बल दिया तथा डॉ. मुकेश गौतम ने अनुसंधान, उत्पादकता, भंडारण और विपणन पर चर्चा की। इसके साथ ही 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में कृषि, सिंचाई, तकनीक, निवेश, मार्केट लिंकेज, निर्यात और उत्पादकता जैसे विषयों पर सरकारी प्रयासों का विस्तार से विश्लेषण किया गया। पशुधन, दुग्ध विकास, खाद्य प्रसंस्करण, अंडा और मत्स्य क्षेत्र के योगदान पर भी गहन चर्चा हुई।
डॉ. एस. के. सिंह ने विश्वविद्यालय की Vision 2047 के तहत कार्ययोजना प्रस्तुत की और किसानों के साथ विश्वविद्यालय के सहयोग के बारे में जानकारी दी। FPOS की ओर से विद्याशंकर मिश्रा, पुष्पेंद्र यादव, अमित कुमार श्रीवास्तव, संदीप रेजा, सियाराम कुशवाहा, वानसिंह राजपूत, कृष्णपाल सिंह और अनिल शर्मा ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
दिलीप सिंह राजपूत ने बैंकिंग सेवाओं को सरल बनाने और प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना के लिए विशेष योजनाएँ तैयार करने का आग्रह किया, ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके और बाजार तक पहुँच सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक भूपेश पाल, प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र श्रीमती निशी राय, FPO विशेषज्ञ दीपक कुशवाहा, धर्मेंद्र सिंह, राजकुमार राजपूत, लल्ला सिंह, अजय कुमार जैन के साथ-साथ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ और बड़ी संख्या में FPO सदस्य उपस्थित रहे।
 
रिपोर्टर अंकित साहू

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