भगवान का चिंतन और मनन करने से ही सफल हो सकता है जीवन

झांसी। पितृ मोक्ष गमन के उपलक्ष्य में सिटी चर्च रानी महल के पास सिंधी धर्मशाला में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर मंगलवार को श्री हृदय बिहारी आश्रम वृंदावन धाम मथुरा से पधारी कथा व्यास महंत आचार्य गुरू दीदी जी महाराज ने विदुर प्रसंग ,जड़ भरत जी के साथ ही भक्त प्रहलाद के प्रसंग का भाव पूर्ण बखान किया।उन्होंने कहा कि हमें दूसरों के अवगुणों को नहीं देखना चाहिए। हमें हमेशा अच्छे विचार रखने चाहिए। जैसी हमारी सोच और विचार होंगे हमारे कर्म भी वैसे ही हो जाएंगे। जितना चिंतन आप भगवान का करेंगे भगवान भी आपकी उतनी ही चिंता और परवाह करते हैं, इसलिए हमेशा भगवान का चिंतन और मनन करने से ही जीवन सफल हो सकता है।किसी की मदद कर उसका प्रचार नहीं करें , इससे पुण्य नहीं मिलता है।कथा के पूर्व आयोजक, मुख्य यजमान ममता चौरसिया,प्रीतेश रवि प्रकाश परिहार,छाया संदीप चौरसिया,आरती प्रियंकेश आदि ने श्री मद्भागवत ग्रन्थ की आरती उतारी।कथा व्यास ने सुन्दर भजनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया।
इस अवसर पर आयोजक ममता चौरसिया, प्रीतेश रवि प्रकाश परिहार,छाया संदीप चौरसिया, आरती प्रियंकेश,रजनी वृंदावन, राजेश चौरसिया एड, चन्द्र कांता महेन्द्र चौरसिया, ऊषा रविन्द्र कुमार सिंह, रविन्द्र चौरसिया( ग्वालियर),मीनू झा, चिरंजी लाल चौरसिया,पिंकी, मुन्नी देवी ,घनश्याम परिहार सहित अन्य भक्तगण उपस्थित रहे।
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