पूर्व सीएम की पुण्यतिथि पर हुआ बबाल,पूर्व विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री पर हुआ मुकदमा दर्ज

झांसी: आज बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि कार्यक्रम के दौरान हुए बवाल को लेकर समाजवादी पार्टी ने शनिवार को कड़ा विरोध जताया। सपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉक्टर चंद्रपाल सिंह यादव पार्टी पदाधिकारियों तथा कांग्रेस के तमाम नेताओं के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऑफिस पहुंचे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से वार्ता करते हुए दर्ज मुकदमे को फर्जी करार देते हुए इसकी निष्पक्ष जांच किए जाने तथा दूसरे पक्ष की ओर से भी मुकदमा कायम किए जाने की मांग की। एसएसपी ने आश्वस्त किया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। किसी भी निर्दोष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। डॉक्टर चंद्रपाल ने कहा-एक पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया, जबकि पीडीए नेताओं की शिकायत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सत्ता के नशे में चूर कुछ लोग विद्यार्थियों का इस्तेमाल कर अराजकता फैला रहे हैं। बताते चलें कि शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि कार्यक्रम के दौरान सपा, कांग्रेस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। बवाल इतना बढ़ गया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री की गाड़ी छात्र छात्राओं के घेरे में ढाई घंटे तक फंसी रही। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति शांत कराई। इसके बाद सपा के पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव और कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य सहित 200 लोगों के खिलाफ बलवा का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। शनिवार को डॉक्टर चंद्रपाल सिंह यादव, जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह भोजला, महानगर अध्यक्ष तनवीर आलम, प्रदेश सचिव सुदेश गौर, प्रतिपाल सिंह, कैलाश नारायण यादव समेत दर्जनों सपा नेता तथा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष योगेंद्र सिंह पारीछा, महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति से मिले। उन्होंने निष्पक्ष जांच और पीडीए के पक्ष से दी गई तहरीर पर भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इस दौरान डॉक्टर चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि मुकदमे में जिनके नाम भी नहीं है, उन्हें भी घर से उठा लिया गया है। यह पूरी कार्रवाई एकतरफा है। पीडीए के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जिन लोगों के नाम नहीं हैं, उन्हें भी उनके घरों से बुलाकर पकड़ा जा रहा है। उनका कहना है कि प्रशासन को निष्पक्ष और सम्यक जांच सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह जानबूझकर किया गया है, क्योंकि जो भी कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था, वह बाकायदा विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति लेने के बाद आयोजित किया गया था, इसलिए यदि किसी को विरोध करना था, तो वह विश्वविद्यालय प्रशासन का विरोध करता कि उसने अनुमति क्यों दी, लेकिन कार्यक्रम करने वालों से उलझना समझ में आता है कि यह एक सोची साची रणनीति के तहत रचा गया षड्यंत्र है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उन्हें निष्पक्ष जांच किए जाने का आश्वासन दिया है। हमें पूरा विश्वास है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी और निर्दोषों पर आंच नहीं आएगी। यदि इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं होती है, तो फिर हम आगे की रणनीति तय कर आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस विंग के छात्रों ने यह हंगामा किया है, उस विंग की मुख्य पार्टी के नेताओं तक ने मुलायम सिंह यादव को अपनी श्रद्धांजलि दी है।
रिपोर्टर अंकित साहू
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