गिरफ्तारी के बावजूद नहीं रुका धरना,महिला पार्षदों ने संभाला मोर्चा

कोटा : कोटा में 12 जुलाई को नगर निगम कोटा दक्षिण में चल रहे कांग्रेस समर्थित पार्षदों के धरने का छठा दिन ऐतिहासिक रहा। जहां एक ओर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे कई कांग्रेस पार्षदों को पुलिस ने बलपूर्वक गिरफ़्तार कर नान्ता थाने में ले जाया गया, वहीं दूसरी ओर महिला पार्षदों ने संकल्पबद्ध होकर मोर्चा संभाल लिया और धरना स्थल पर डटी रहीं।
पार्षदों द्वारा देश के उपराष्ट्रपति और राज्यपाल के कोटा आगमन पर लोकतांत्रिक तरीके से ज्ञापन देने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार होने वाले प्रमुख पार्षदों में उपमहापौर पवन मीणा के साथ इसरार मोहम्मद, देवेश तिवारी, कपिल शर्मा, अनुग्रह गौतम, अंशु श्रंगी, धनराज चेची, दीपक वर्मा, मोहन नंदवाना, सोनू भील, सोनू अब्बासी, इरफान घोषी आदि शामिल रहे।
वहीं धरना स्थल पर महिला पार्षदों – शालिनी गौतम, सुमन पेशवानी, मोनिका विजय, तबस्सुम मिर्ज़ा, साइना घोषी, पिंकी प्रजापति, शिवांगिनी सोनी, सलिना शेरी सहित कई महिला जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा संभालते हुए प्रदर्शन जारी रखा।
मोनिका विजय ने कहा:
“हमारे कुछ साथियों की गिरफ़्तारी हमें पीछे नहीं कर सकती। महिलाएं पूरी मजबूती से यह आंदोलन जारी रखेंगी।”
सलिना शेरी ने कहा:
“पुलिसिया कार्रवाई हमें दबा नहीं सकती। ज़रूरत पड़ी तो अनशन भी करेंगे, पर जनता की लड़ाई को अधूरा नहीं छोड़ेंगे।”
क्षमा मिर्जा ने कहा:
“बीजेपी सरकार जनप्रतिनिधियों की आवाज़ दबाने की साजिश कर रही है, लेकिन हम लोकतंत्र को मरने नहीं देंगे।”यह संघर्ष केवल पार्षदों का नहीं, कोटा की जनता की आवाज़ है, जो पक्षपात और भेदभाव के खिलाफ एकजुट होकर उठ रही है।
रिपोर्टर : सुरेश कुमार पटेरिया
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