बालूमाथ में नहीं मिल रही लोगों को कोयले के गर्दे से निजात

बालूमाथ :  बालूमाथ प्रखंड क्षेत्र में धूल गर्द वर्तमान समय में एक जटिल समस्या बनी हुई हैं. सरकार को लाखों रुपए राजस्व देने वाले प्रखंड में रहने वाले लोग वर्तमान में स्वच्छ हवा में सांस लेने के लिए तरस रहे हैं. बता दें कि प्रखंड अंतर्गत कई कोलियरी संचालित है. इन कोलियरी से राज्य सरकार और केंद्र सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए राजस्व मिल रहा है. परंतु सरकार को भारी राजस्व देने वाले प्रखंड को बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है. प्रखंड के लोग धूल गर्द से दिन-रात परेशान हैं. जिससे यहां के लोग कई बीमारियों के चपेट में असमय आ जा रहे हैं. बताते चलें कि संचालित कोल माइंस से निकलने वाली हाईवा और ट्रक में कोयला लोड होता है. गाड़ियों में कोयला लोड इतना रहता है कि सड़कों के टर्निंग प्वाइंट या ब्रेकर पर कोयला गिरकर सड़कों पर आ जाता है. जबकी कोयला परिवहन के लिए सरकारी कई रूल नियम बनाए गए हैं, जैसे सड़कों के किनारे वृक्ष लगाना, सड़कों के किनारे लाईट की व्यवस्था होना, घनी आबादी क्षेत्र में पानी का पटवन करना, कोयला परिवहन गाड़ियों में माल परिवहन के वक्त कोयला को त्रिपाल से ठक्कर ले जाना जैसे कई नियम बनाए गए हैं. पर प्रखंड से लेकर जिला प्रशासन, सीसीएल, समाजसेवी, राजनीतिक दल के नेता, जनप्रतिनिधि इस समस्या को समाधान करने में अबतक विफल रहे हैं. जिसका सीधा असर आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ फसल, पालतू जानवरों पर पड़ रहा है. जिसका खामियाजा क्षेत्रीय ग्रामीण, पालतू जानवर और राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है.

रिपोर्टर : मो० अरबाज

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.