जातीय जनगणना को प्रभावित करने सामाजिक सद्वभाव यात्रा चलाने जा रही आरएसएस-शिव सिंह

लातेहार :  देश में जातीय जनगणना के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस सामाजिक सद्वभाव बढ़ाने के नाम पर सामाजिक सरोकार के साहित्य को लेकर विभिन्न जातियों के लोगों के घर-घर जाएगी उक्त मिशन की अगुवाई  में आरएसएस के 233 वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एड शिव सिंह ने कहा कि आरएसएस ने यह स्वीकार कर लिया कि मोदी हुकूमत में देशभर में सामाजिक सद्वभाव एवं आपसी सौहार्द बिगड़े हैं सरकार ने जातीय जनगणना कराने की घोषणा भी कर दी है किसी तरह जातीय जनगणना की प्रक्रिया भी प्रारंभ करनी है आरएसएस को यह सब ठीक नहीं लग रहा वह हमेशा जाति जनगणना को समाज की एकता और अखंडता के लिए खतरा मानती थी आरएसएस कभी भी जाति जनगणना की पक्षधर नहीं थी और आज भी नहीं है जबकि विपक्ष की यह लंबे अरसे से मांग थी कि भारत सामाजिक न्याय एवं प्रतिनिधित्व और आर्थिक समानता की चुनौतियों से जूझ रहा है ऐसी स्थिति में जाति जनगणना ऐसे अहम मुद्दों के लिए एक ठोस नींव प्रदान करेगी शिव सिंह ने यह भी कहा कि विपक्ष एवं देश की सामूहिक मांग के दबाव के चलते केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल 2025 को जाति जनगणना कराने का ऐलान किया ऐलान के दूसरे दिन ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जाति जनगणना के सवाल पर कहा कि इसका राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और यह भी कहा कि जाति के आधार पर विभाजन और भेदभाव का आरएसएस विरोध करता है  मतलब जाति जनगणना की घोषणा के बाद भी आरएसएस ने अपनी राय स्पष्ट नहीं की है  और जाति जनगणना के पूर्व जनगणना को प्रभावित करने सामाजिक सद्भाव बढ़ाने के बहाने देशभर में घर-घर जाने का ऐलान किया है शिव सिंह ने कहा कि आरएसएस जाति जनगणना के हकदार लोगों को राशन वितरण प्रणाली व अन्य योजनाओं की समय-समय पर लालच दिलवाकर भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में रखना चाहती थी इसीलिए आज आरएसएस को जाति जनगणना के सवाल पर यह कहना पड़ रहा है कि जनगणना का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए मतलब साफ हो गया कि आरएसएस को जाति जनगणना से डर महसूस होने लगा है।

रिपोर्टर : अर्जुन तिवारी

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.