Mahakumbh 2025 में पहुंचे 'बवंडर बाबा' और 'स्प्लेंडर बाबा'
यूपी के प्रयागराज में इस बार महाकुंभ 2025 का विशाल रूप देखने को मिल रहा है...महाकुंभ शुरू होने की तारीख वैसे तो 13 जनवरी से है लेकिन साधु-संत मेले में अभी से पहुंचने लगे हैं...हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं और संतों को आकर्षित कर रहा है...इनमें से कुछ बाबा ऐसे हैं जिन्हें हर कोई देखना चाहता है...उन्हीं में से एक हैं 'बवंडर बाबा' और 'स्प्लेंडर बाबा'...जी हां कुंभ 2025 में बवंडर बाबा पूरे देश की एक लाख किलोमीटर की यात्रा करके पहुंचे हैं...सनातन धर्म की पताका फहराने के लिए वह यात्राएं कर रहे हैं और अपने धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक कर रहे हैं...तो वहीं दोनों पैरों से दिव्यांग स्प्लैंडर बाबा 14 दिन का सफर तय कर गुजरात से प्रयागराज पहुंचे हैं...जो पोलियो से ग्रस्त हैं लेकिन 14 दिनों में सर्दी और बारिश जैसी बाधाओं का सामना करते हुए उन्होंने धर्म के प्रति और आस्था ने उनका मनोबल बढ़ाए रखा...
1 लाख किलोमीटर की यात्रा तय करके सनातन धर्म का परचम लहराने महाकुंभ की पावन धरती पर पहुंचे बवंडर बाबा...तो वहीं दूसरी तरफ दोनों पैरों से दिव्यांग स्प्लैंडर बाबा 14 दिन का सफर तय कर गुजरात से प्रयागराज पहुंचे...ये है महाकुंभ की खूबसूरती जो लोगों को अपनी ओर खींच रही है...महाकुंभ 2025 के लिए संगम नगरी प्रयागराज में देश विदेश से हजारों साधु-सन्यासी यहां पहुंच रहे हैं...कोई कई किलोमीटर की पैदल यात्रा करके आ रहा है तो कोई सैकड़ों किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर महाकुंभ का साक्षी बनने के लिए पहुंच रहा है...इसी क्रम में दोनों पैरों से दिव्यांग स्प्लैंडर बाबा गुजरात से प्रयागराज पहुंचे हैं तो वहीं बवंडर बाबा अपने बवंडर अंदाज में महाकुंभ आए हैं...वो सनातन धर्म में देवी देवताओं के प्रति हो रहे अपमान के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं...उनकी केसरिया रंग की बाइक पर झंडा और जागरूकता संदेश लिखा हुआ है...इन संत को बवंडर बाबा के नाम से लोग जानते हैं...बवंडर बाबा 25 राज्यों में जन-जागरूकता के लिए तकरीबन 1.15 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं...
बवंडर बाबा का कहना है कि उनका नाम और प्रचार का विषय बवंडर मचाने वाला है...ये बाबा हिंदू आस्था के प्रतीक देवी-देवताओं के चित्रों को कचरे मे नहीं डालने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं...दरअसल, मध्य प्रदेश के रहने वाले विनोद सनातनी ने 14 वर्ष की उम्र में संन्यास ले लिया था...तब से अब तक वे जनकल्याण के लिए लोगों को संदेश दे रहे हैं...भ्रमण के दौरान विनोद सनातनी ने देखा कि हिंदू देवी देवताओं के चित्र और प्रतिमा को लोग पूजा पाठ के बाद कचरे में फेक देते हैं...इसके अलावा शादी कैलेंडर व अन्य में देवी देवताओं के लगे चित्रों को गंदगी वाली जगहों पर फेंक देते हैं...इससे उनका मन बहुत बेचैन हुआ तो बाबा ने देश के लोगों को जागरूक करने की ठानी और अपनी बाइक से देश की यात्रा पर निकल पड़े...उज्जैन कुंभ में बवंडर बाबा ने संकल्प लिया और उन्होंने अपनी पहचान बवंडर बाबा के रूप में बनाई...अपनी जागरूकता बाइक रथ पर बाबा अपने रहने, खाने, आराम, करने व पूजा-पाठ का सामान रखकर चलते हैं...बवंडर बाबा का रथ उन हाईटेक बाबाओं की तरह ही है, जो आज के युग के साथ कदम मिलाकर चल रहे हैं...
जाहिर है महाकुंभ 2025 की लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अब लोगों के आने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है...इस बार महाकुंभ बेहद ही खास होने वाला है...जिसको देखने के लिए पूरा देश उत्साहित है...
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