निर्दोष बच्चियों के चेहरों पर खिली मुस्कान ही असली दिवाली है – समूह शिक्षा अधिकारी त्र्यंबक पोले

परभणी : दिनांक 14 अक्तूबर 2025 को कस्तूरबा राधाकृष्ण मंगल कार्यालय, जिंतूर में “दिवाली है आनंद की... भेंट दें स्नेह की...” इस शीर्षक से एक अनोखा सामाजिक उपक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, जिंतूर और RMSA छात्रावास की 250 बालिकाओं को दीपावली के अवसर पर “शिक्षा विभाग, जिंतूर” की पहल से एक मनपसंद ड्रेस भेंट करने का संकल्प पूरा किया गया।

इस पुनीत कार्य के लिए जिंतूर तालुका के सभी शिक्षक, शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा समाजातील विविध दाताओं ने स्वेच्छा से निधि एकत्रित की। एकत्रित निधि से सभी छात्राओं को उनकी पसंद के ड्रेस खरीदकर इस भव्य कार्यक्रम में ड्रेस और दिवाली फराळ (मिठाई) वितरित की गई। साथ ही “मराठी अभिजात भाषा गौरव सप्ताह” के निमित्त ‘बालकवि सम्मेलन’ और ‘काव्यानंद’ जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) श्रीमती सविता बिरगे, समूह शिक्षा अधिकारी त्र्यंबक पोले, पालकमंत्री के प्रतिनिधि शिवाजी कदम, शिक्षा विस्तार अधिकारी नारायण मुंडे, रावसाहेब कातकडे, केशव घुगे, वरिष्ठ सहायक राजेंद्र ढाकणे, लक्ष्मण टाकणसार, केंद्रप्रमुख मारुती घुगे, दिनकर घुगे, मनोज तोडकर, पांडुरंग भांबळे, देवानंद सावंत, निलेश लटपटे, वैजनाथ प्रधान, प्रभाकर नालंदे, योगिता संगवई आदि उपस्थित थे।

कविसम्मेलन में कवि मयूर जोशी, शंकर माने, बबन शेलके, भास्कर चव्हाण, शंकर पांचाळ, कवयित्री सुनिता मगर, विजय चव्हाण, रौफ शेख, संतोषकुमार म्हेत्रे और मनीष सावळे आदि ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमती सविता बिरगे ने कहा कि यह उपक्रम पूरे जिले में अनुकरणीय है। उन्होंने गटशिक्षणाधिकारी त्र्यंबक पोले और उनकी पूरी टीम की सराहना की और छात्राओं को मन लगाकर पढ़ाई करने की प्रेरणा दी।

इस अवसर पर समूह शिक्षा अधिकारी त्र्यंबक पोले ने कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त कवि विंदा करंदीकर की पंक्तियाँ —
“देणाऱ्याने देत जावे, घेणाऱ्याने घेत जावे,
घेता घेता एक दिवस देणाऱ्याचे हात घ्यावे...”
— हमें दानशीलता का अमूल्य संदेश देती हैं।

उन्होंने कहा, “जिंतूर तालुका के शिक्षकों के सहयोग और संवेदनशील दातृत्व भावना से यह सुंदर कार्यक्रम संभव हुआ है। प्रत्येक सहयोग अमूल्य है और निरागस बालिकाओं के चेहरों पर जो आनंद झलकता है, वही असली दिवाली है।”

उन्होंने कैलासराव आदमने को मंगल कार्यालय निःशुल्क उपलब्ध कराने और राजेश चव्हाण को विशेष आर्थिक सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में शिक्षा विस्तार अधिकारी नारायण मुंडे, रावसाहेब कातकडे, शिवाजी कदम आदि ने भी विचार व्यक्त करते हुए इस सामाजिक कार्य की सराहना की।

साहित्यिक मयूर जोशी के काव्यात्मक निवेदन ने कार्यक्रम को भावपूर्ण रंग दिया। छात्राओं ने भी अपने उत्स्फूर्त मनोगत व्यक्त किए और नए ड्रेस तथा फराळ मिलने की खुशी साझा की।

कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी विद्यालय जिंतूर, सांगळेवाडी, जांब बु, येसेगाव और भिलज की छात्राओं ने कविताएं, गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं।

संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन साहित्यिक मयूर जोशी ने अपनी काव्यात्मक शैली में किया। कार्यक्रम की सफलता में श्रीमती अंभोरे, श्रीमती इंगोले, श्रीमती लोंढे, शंकर पुंड, शेळके, रामेश्वर हालगे, मनीष सावळे और सभी केंद्रप्रमुख, मुख्याध्यापक एवं शिक्षक वर्ग का विशेष योगदान रहा।

रिपोर्टर : रामकिशन  ठोंबरे 

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.