NIA की सुपरपावर: भारत की हाई-टेक टेरर फाइटर एजेंसी – एनआईए का जबरदस्त रिकॉर्ड ||

10 नवंबर को दिल्ली में हुए धमाके ने शहर को हिला दिया। 11 लोगों की जान गई, और Blast की आवाज दूर-दूर तक गूंज उठी। जैसे ही सीन साफ हुआ, NIA (National Investigation Agency) ने केस संभाला। ये वही एजेंसी है जो टेरर से जुड़े केस में एक्सपर्ट मानी जाती है और जिसकी सक्सेस रेट हमेशा हाई रहती है।

लेकिन सवाल ये – NIA है कौन, और क्यों बनी कैसे बनी ?

2008 के बाद भारत ने महसूस किया कि टेरर एक्टिविटी की जांच सिर्फ स्टेट लेवल एजेंसियों से नहीं हो सकती। खासकर 26/11 मुंबई हमले के बाद, देश को चाहिए था एक सेंटरल, पॉवरफुल एजेंसी, जो सिर्फ जांच ही नहीं बल्कि असली एक्शन भी कर सके।

31 दिसंबर 2008 को NIA एक्ट के तहत ये एजेंसी बनी। मकसद साफ था – टेरर से जुड़ी हर एक्टिविटी पर फुल कंट्रोल रखना।

 

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