जन्माष्टमी पर जुगल किशोर मंदिर प्रांगण में मना भक्ति का उत्सव

पन्ना : उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री तथा पन्ना जिले के प्रभारी मंत्री इन्दर सिंह परमार जन्माष्टमी पर्व पर गत शनिवार की रात्रि पन्ना के श्री जुगल किशोर मंदिर परिसर में आयोजित श्री कृष्ण पर्व में शामिल हुए और दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से इस वर्ष भी जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण पर्व का आयोजन किया गया था। प्रभारी मंत्री ने सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम में उपस्थितजनों को जन्माष्टमी पर्व की शुभकामनाएं दीं और भगवान जुगल किशोर के सानिध्य में रहने वाली जनता को सौभाग्यशाली बताया।
प्रभारी मंत्री श्री परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक आस्था के केन्द्रों को पुर्नस्थापित कर भव्यता प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। जुगल किशोर लोक निर्माण से पन्ना का वैभव बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि महाराजा छत्रसाल जैसे शौर्य व पराक्रमी शासकों की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इससे युवा पीढ़ी प्राचीन ज्ञान परंपरा से अवगत होने के साथ ही शौर्य दर्शन के माध्यम से गर्व का अनुभव भी कर सकेगी। उन्होंने कहा कि अब राज्य स्तर पर हर जिले के इतिहास का प्रकाशन कराया जाएगा। सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। श्रीकृष्ण पर्व जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन को उन्होंने सराहनीय बताया और कहा कि भक्ति के उत्सव के रूप में श्री कृष्ण की लीलाओं पर केन्द्रित इस कार्यक्रम के जरिए लोगों को देश की आध्यात्मिक परंपरा और विरासत से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।
विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि मंदिरों की नगरी पन्ना धाम में श्री जुगल किशोर लोक बनने की शुरूआत होने वाली है। इस भजन संध्या में आस्था और श्रद्धा की भावना के साथ शामिल लोगों को श्री कृष्ण जन्मोत्सव की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि श्री कृष्ण के सात विग्रह में से एक पन्ना में भी है। साथ ही यह वृन्दावन का छोटा स्वरूप है। उन्होंने कहा कि शहर के अन्य मंदिरों को शामिल कर लोक का निर्माण होगा। इससे यहां धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां के 16 तालाबों को सुंदर और आकर्षक बनाया जाएगा। हीरा नगरी के रूप में विश्व विख्यात पन्ना में डायमण्ड पार्क एवं म्यूजियम की स्थापना से भी अलग पहचान स्थापित होगी। श्रीकृष्ण पर्व के कार्यक्रम में नपाध्यक्ष मीना पाण्डेय सहित बृजेन्द्र मिश्रा, सतानंद गौतम, विष्णु पाण्डेय, कलेक्टर सुरेश कुमार, पुलिस अधीक्षक साईं कृष्ण एस थोटा, जिला पंचायत सीईओ उमराव सिंह मरावी, अतिरिक्त सीईओ एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अशोक चतुर्वेदी, परियोजना अधिकारी संजय सिंह परिहार, गणमान्य नागरिक, नगरवासी एवं पत्रकारगण भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुरेश श्रीवास्तव सौरभ द्वारा किया गया।
लोकनृत्य एवं भक्ति गायन की प्रस्तुति ने बांधा शमां
श्रीकृष्ण पर्व के कार्यक्रम में जुगल किशोर मंदिर प्रांगण में 16 अगस्त को कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोकनृत्य एवं भक्ति गायन की प्रस्तुतियों ने शमा बांधा। कार्यक्रम में लोगों को श्रीकृष्ण भक्ति लीला की दूसरी झलक देखने को मिली। यहां आयोजित समारोह में अमित घारू, सागर और उनके दल द्वारा बधाई एवं बरेदी लोकनृत्य की प्रस्तुति दी गई, तो पवन तिवारी, टीकमगढ़ ने भक्ति गायन के माध्यम से मंदिर परिसर के माहौल को भक्तिमय बना दिया।
पहली प्रस्तुति अमित घारू के बधाई और बरेदी लोकनृत्य की हुई। बुंदेलखण्ड अंचल में जन्म, विवाह और तीज-त्यौहारों पर बधाई नृत्य किया जाता है। मन्नत पूरी हो जाने पर देवी-देवताओं के द्वार पर बधाई नृत्य होता है। इस नृत्य में स्त्रियां और पुरुष दोनों ही उमंग से भरकर नृत्य करते हैं। बूढ़ी स्त्रियां कुटुम्ब में नाती-पोतों के जन्म पर अपने वंश की वृद्धि के हर्ष से भरकर घर के आंगन में बधाई नाचने लगते हैं। नेग-न्यौछावर बांटती हैं। मंच पर जब बधाई नृत्य समूह के रूप में प्रस्तुत होता है, तो इसमें गीत भी गाए जाते हैं। बधाई के नर्तक, चेहरे के उल्लास, पद संचालन, देह की लचक और रंगारंग वेशभूषा से दर्शकों का मन मोह लेते हैं। इस नृत्य में ढपला, टिमकी, रमतूला और बांसुरी जैसे वाद्य यंत्र का उपयोग किया जाता है।
इसके बाद बरेदी लोक नृत्य की प्रस्तुति हुई। बरेदी लोकनृत्य बुंदेलखंड का प्रसिद्ध लोकनृत्य है। यह नृत्य दीपावली के शुभ अवसर पर किया जाता है। इस नृत्य में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को दिखाया जाता है। कलाकारों ने गायन के साथ मटकी फोड़, शेषनाग, अर्जुन रथ जैसी लीलाओं को बांसुरी, ढोल, ढोलक, नगड़िया और लोटा जैसे वाद्ययंत्रों के माध्यम से मंच पर प्रदर्शित किया। लोक नृत्य की प्रस्तुति के पश्चात पवन तिवारी का भक्ति गायन हुआ। पवन ने एक बार जो रघुवर की नजरों का इशारा हो जाए...से प्रस्तुति का आगाज किया। कार्यक्रम को विस्तार देते हुए कहन लागे मोहन मैया मैया...,लल्ला की सुन के मैं आयी यशोदा मैया दे दो बधाई...एवं राम भक्त ले चला रे राम की निशानी...जैसे भक्ति गीत पेश किए।

रिपोर्टर : रफ़ी सिद्दीकी 

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