एपीएस विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी प्रवेश परीक्षा के परिणाम से छात्रों में असंतोष जल्द अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो NSUI करेगा बड़ा आंदोलन - पंकज उपाध्याय

रीवा : अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा में 90% छात्र हुए असफल मूल्यांकन की प्रक्रिया पर सवाल परिणाम में अनियमितता के आरोप। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2025 के परिणामों ने पूरे क्षेत्र के विद्यार्थियों और अभिभावकों में गंभीर असंतोष पैदा कर दिया है परीक्षा के घोषित परिणामों में लगभग 90 प्रतिशत परीक्षार्थी असफल घोषित किए गए, जिससे विश्वविद्यालय की मूल्यांकन प्रणाली और पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लग भी लग रहा है।सूत्रों के अनुसार,विश्वविद्यालय के लगभग सभी विभागों विधि,समाजशास्त्र,राजनीति विज्ञान एवं शारीरिक शिक्षा विभाग में अत्यंत खराब परिणाम आए हैं,शारीरिक शिक्षा विभाग में तो एक भी विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हुआ।एनएसयूआई का आरोप परिणाम। संदिग्ध, पारदर्शिता पर सवाल,विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम में अनियमितता के सवाल बहुत पहले से उठते आ रहे हैं जिसका यह वर्तमान का परिणाम साबित भी करता है।पीएचडी परीक्षा में शामिल छात्रों ने कहा है कि विश्वविद्यालय में छात्रों के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है,व्यक्ति विशेष के लोगों को लाभ पहुंचाया गया है तथा मूल्यांकन की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है और साथ ही विशेष दल के लोगों और साथ में वहाँ के प्रोफेसरों के छात्रों को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाया गया है साथ ही सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं के इशारे पर यह परिणाम घोषित किया गया है, 

> “यदि विश्वविद्यालय में 90% छात्र फेल हो रहे हैं,तो यह छात्रों की बस गलती हुई, बल्कि सिस्टम की विफलता है,मूल्यांकन प्रक्रिया और परिणाम घोषणा मे पारदर्शिता नहीं बरती गई है”
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रबंधन ने जांच की बात कही थी,परंतु अब तक कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है,
मामले की गंभीरता को देखते हुए छात्रों ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को औपचारिक शिकायत पत्र भी भेज चुके हैं परंतु उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया, 
 एनएसयूआई जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने कहा कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा की पूरी प्रक्रिया की स्वतंत्र जांच कराई जाए,यदि किसी स्तर पर गड़बड़ी पाई जाए तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए,पात्र विद्यार्थियों के हित में परिणाम का पुनर्मूल्यांकन या पुनःपरीक्षा आयोजित की जाए।
 “यदि इतने बड़े पैमाने पर छात्र असफल हुए हैं,तो यह स्पष्ट संकेत है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है, विश्वविद्यालय को निष्पक्ष जांच कराकर विद्यार्थियों का विश्वास बहाल करना होगा,प्रबंधन की चुप्पी कि बजह से कार्य प्रणाली पर और भी सवाल खड़े होते है,विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है अगर जल्द कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो एनएसयूआई बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर छात्रों के अधिकार की लड़ाई लड़ेगा,एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि जांच शीघ्र प्रारंभ नहीं हुई,व पुनर्मूल्यांकन सहित प्रकिया नहीं अपनाई गई तो हजारों छात्र छात्राओं के साथ विशाल उग्र आंदोलन के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग और न्यायालय की ओर रुख करेंगे।

रिपोर्टर : अर्जुन तिवारी 

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