डीएम की अध्यक्षता में जिला उर्वरक निगरानी समिति की समीक्षात्मक बैठक आयोजित

सहरसा :  जिलाधिकारी वैभव चौधरी की अध्यक्षता में शुक्रवार को उर्वरकों के परिचालन, वितरण, भंडारण एवं बिक्री पर अनुश्रवण हेतु जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में 4665.36 एमटी यूरिया, 1235.250 एमटी डीएपी, 2366.830 एमटी एमओपी, 2610.5 एमटी एनपीके एवं 452.65 एमटी एसएसपी उपलब्ध है। किसानों द्वारा उर्वरक की कमी की कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है। महिषी विधायक श्री  साह ने जानकारी दी कि क्षेत्र में किसानों द्वारा कही से उर्वरक की अनुपलब्धता से संबंधित शिकायत प्राप्त नहीं है। किसानों को इस बार उर्वरक सहजता से उपलब्ध है। वर्त्तमान समय में उर्वरक की कमी नहीं है, परन्तु खरीफ मौसम में उर्वरक की आवष्कता होगी, जिसकी तैयारी अभी से करने की आवश्यकता है।जिलाधिकारी द्वारा निदेशित किया गया कि जिले में उपलब्ध उर्वरक की उपलब्धता एवं भौतिक मात्रा का सत्यापन करा लें, ताकि उर्वरक की उपलब्धता की वास्तविक मात्रा की जानकारी हो। विधायक सदर श्री रंजन द्वारा सुझाव दिया गया कि उर्वरक का रेट चार्ट प्रखंड मुख्यालयों में एवं जिला मुख्यालयों में फ्लैक्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जाय, ताकि किसानों को उवर्रक के दर की सही जानकारी हो एवं अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि रैंक पर प्राप्त उर्वरक संबंधित थौक विक्रेता के गोदाम में भंडारित किया जाता है।खुदरा विक्रेताओं को गोदाम से उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है। जिससे परिवहन में अधिक लागत आती है। उनके द्वारा सुझाव दिया गया कि रैक प्वाईंट से सीधे खुदरा विक्रेताओं को उर्वरक उपलब्ध कराया जाय, ताकि परिवहन लागत कम से कम किया जा सके।जिलाधिकारी द्वारा अतिरिक्त परिवहन लागत मूल्य के संबंध में विभाग से पत्राचार के माध्यम से दिषानिर्देष प्राप्त करने हेतु निदेषित किया गया। अध्यक्ष जिला परिषद् द्वारा बताया गया कि सलखुआ के प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रायः प्रखंड में उपलब्ध नहीं रहते है। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्त्तमान में मात्र तीन प्रखंड कृषि पदाधिकारी पदस्थापित है, जिन्हें अतिरिक्त प्रखंडों का प्रभार दिया गया है।  जिला पदाधिकारी द्वारा निदेषित किया गया कि पदस्थापित सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को रोस्टर बनाकर अग्रिम भ्रमण कार्यक्रम उपलब्ध कराने हेतु निदेषित करें, ताकि निर्धारित कार्यदिवस पर संबंधित प्रखंड में उपस्थिति सुनिष्चित की जा सके।जिला पदाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रखण्ड के नामित नोडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी एवं संबंधित अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के साथ एक जाँच दल का गठन किया जाय।

रिपोर्टर : अजय कुमार

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