मतदाता पुनरीक्षण लोकतंत्र में गरीबों के साथ धोखा है : माकपा

सहरसा : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी सीपीआईएम जिला मंत्री रणधीर यादव ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता पुनरीक्षण को लोकतंत्र में गरीबों के साथ धोखा और अनन्या बताया है। उन्होंने कहा सिर्फ और सिर्फ 25 दिनों में बीएलओ द्वारा मतदाताओं का सत्यापन करना मुश्किल और कठिन काम है। बिहार के लाखों मतदाता पलायन कर जीविका चलाने हेतु बिहार से बाहर है। नौजवान मतदाता पढ़ाई और रोजगार के लिए देश विदेश के विभिन्न हिस्सों में है। बिहार में खेती के पिक समय मतदाता पुनरीक्षण का समय है। ऐसे में मतदाता चुनाव आयोग के शर्त अनुसार कागजात यथा जन्म प्रमाण पत्र आदि कैसे उपलब्ध करा सकता है। डबल इंजन की सरकार चुनाव आयोग के सहारे तमाम तरह के प्रमाणपत्र सत्यापन कर सभी मतदाता का सत्यापन कैसे करा सकता है। उसमें भी गरीब, मजदूर,मेहनत कश और आमजनता के बीच सहजता से उपलब्ध आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइवरी लाइसेंस, मनरेगा जॉब कार्ड ,राशन कार्ड जैसे प्रमाण पत्र को सत्यापन से बाहर रखना साफ दर्शाता है कि जल्द बाजी में पुनरीक्षण कार्य कर गरीब मजदूर मेहनतकश वर्ग को लोकतंत्र के हिस्सेदारी मतदान से वर्जित करो और ऐन केन प्रकरेण सत्ता में बने रहो। सरकार और चुनाव आयोग की इस गहरी साज़िश का हमारी पार्टी सीपीआईएम इसका पुरजोर विरोध करते हुए चुनाव आयोग से मतदाता पुनरीक्षण कार्य पर रोक लगाने की मांग की है।
रिपोर्टर : अजय कुमार
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